तत्तापानी और मणिकरण को गर्म पानी के सोते के लिए जाना जाता है। लोकप्रिय पर्यटन स्थल मनाली के बाहरी इलाके में स्थित वशिष्ठ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। गौरतलब है कि मंदिर ब्यास नदी के बाएं तट पर स्थित है। शिमला के निवासी मोहित सूद ने तत्तापानी से बताया कि इस बार खराब मौसम के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ पिछले साल की तुलना में कम है।
आम तौर पर, तत्तापानी में 25,000 से अधिक भक्त मकर संक्रांति पर जुटते हैं। विश्व पर्यटन के नक्शे पर तत्तापानी को स्थापित करने के लिए, पर्यटन और नागरिक विमानन विभाग ने पहली बार 10,000 लोगों के लिए एक बर्तन में 1,100 किलोग्राम से अधिक की ‘खिचड़ी’ तैयार की। मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला फसलों का एक प्रमुख पर्व है।