सबसे बड़ी बात यह है कि ममता बनर्जी ने तो सैलरी लेती हैं और न ही किसी तरह की कोई पेंशन। इसके बावजूद उन्होंने जो पैसे अपने पास जोड़कर रखे थे, उसमें से उन्होंने दान किए हैं। ममता बनर्जी ने ट्वीट करते लिखा कि मैं अपने सीमित संसाधनों में से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएम-केअर्स) में पांच लाख रुपये और राज्य आपात राहत कोष में पांच लाख रुपए का योगदान दे रही हूं। उन्होंने कहा कि उनकी कमाई का मुख्य स्रोत उनके रचनात्मक कार्य हैं। उन्हें किताबों और म्यूजिक की रॉयल्टी से जो पैसे मिलते हैं, वही उनकी कमाई का जरिया है।
ममता बनर्जी ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जंग में वह अपनी तरफ से 10 लाख का योगदान दे रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वो विधायक या मुख्यमंत्री के रूप में कोई सैलरी नहीं लेती और सात बार सांसद रहने के बावजूद पेंशन नहीं लिया। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में भी कोरोना वायरस का मामला काफी तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में अब तक 25 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से लड़ाई में सरकार को आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बैंक अकाउंट नंबर जारी कर चुकी हैं। ममता ने कहा था कि कोरोना की वजह से लॉक डाउन है और व्यवसाय बंद है, ऐसी परिस्थितियों में राज्य के खजाने पर दबाव बढ़ गया है। लिहाजा, उन्होंने लोगों से अपील की है कि मदद के लिए वो आगे आएं।