तेज आंधी आने के कारण वृद्ध के झोपड़ी पर बरगद का पेड़ गिर गया था। जिसके बाद वृद्ध पेड़ के नीचे दब गया था।
पटना। कहते हैं जाको राखे साइंया मार सके न कोए, जिसकी जिंदगी की डोर ऊपर वाले के यहां से मजबूत हो उसे कोई नहीं मार सकता। ऐसी ही एक मामला बिहार के दरभंगा जिले के अलीनगर के अंटौर में सामने आया है। यहां एक वृद्ध आठ घंटे तक पेड़ के नीचे दबा रहा है। जब लोगों को पता चला तो पेड़ काटकर उसे बहार निकाला गया। गुरूवार को तेज आंधी आने के कारण वृद्ध के झोपड़ी पर बरगद का पेड़ गिर गया था। जिसके बाद वृद्ध पेड़ के नीचे दब गया था।
घटना गांव के बाहर हरेराम सहनी बरगद पेड़ के नीच झोपड़ी में सो रहे थे। इसी दौरान गुरुवार की रात तेज आंधी आ गई। जिससे बरगद का पेड़ झोपड़ी पर गिर गया। जिसके नीचे वे दब गए, इसके बाद वह बेहोश हो गए। जब सुबह लोगों को पता चला तो पेड़ काटकर सहनी को जिंदा बाहर निकाला गया।