उनके इस बयान के बाद से एक बार फिर उनके राजद के साथ जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। उन्होंने पटना में मंडल जयंती के अवसर पर कहा कि अगर यदुवंशियों मतलब यादव का दूध और कुशवंशी मतलब कुशवाहा उसमें चावल मिलाये तो दुनिया का सबसे स्वादिष्ट खीर तैयार होगा। फिर उन्होंने अपनी पार्टी के ब्राह्मण नेता शंकर झा आज़ाद की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये चीनी मिलाएंगे और दलित नेता भूदेव चौधरी उसमें तुलसी डालेंगे। कुशवाहा ने कहा कि अगर यह समीकरण एक साथ हो जाए तो राज्य की सता पर काबिज हो सकते हैं।
राजद से की 10 सीटों की मांग
मंडल जयंती कार्यक्रम के दौरान कुशवाहा की पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की है। कुशवाहा अभी धीरे-धीरे लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति साफ कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उपेन्द्र कुशवाहा फिलहाल मंत्री पद की वजह से भाजपा के साथ रहना चाहते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव से पूर्व अगर राजद के साथ सीट बंटवारे पर ठीक-ठाक बात बन जाती है तो वे एनडीए के ख़िलाफ गठबंधन के साथ में परहेज नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि उन्होंने राजद से अपनी पार्टी के दस सीटों की मांग की है।
पार्टी के नेताओं की तरफ से इस बारे में अभी तक किसी ने आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन भाजपा के नेता मानते हैं कि वे दबाव की राजनीति कर रहे हैं। ऐसे बयानों से उन्हें लगता हैं कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के दौरान उन्हें अधिक सीटें ऑफर कर सकता है। जेडीयू के नेताओं का कहना है कि कुशवाहा पूर्व में भी भाजपा लालू यादव के साथ मिलकर चुनाव में जोर आज़माइश कर चुके हैं और हर बार उन्हें मुंह की खनी पड़ी है। ऐसे में किसी भी कदम से पहले ये बातें भी ध्यान में रखनी होंगी।