उन्होंने कहा, वह मुझसे ज्यादा काबिल थे। मगर कभी भी मेरे उनसे संबंध प्रभावित नहीं हुए। उधर, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सराकर ने सफलता के साथ अपने दस साल पूरे किए। उन्होंने कहा, वह राजनीति में दुघर्टनावश आए थे। पूर्व प्रधानमंत्री ने जब यह बात कही तब दर्शक दीर्घा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। मनमोहन सिंह की बात सुनकर वह भी मुस्कारने लगे। वहीं समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि कांग्रेस अपने आप में एक गठबंधन समान पार्टी है, जिसमें विभिन्न राज्यों के लोग शामिल हैं। इसलिए कांग्रेस को गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि गठबंधन के दस साल के दौरान कांग्रेस जिन पार्टियों के साथ चली थी। उनमें से कई दलों ने बीच में भी साथ छोड़ दिया। मगर यूपीए सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संबोधन दिलचस्प रहा। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय जब भी संकट आया तो प्रणव दा ही संकट से उबारते थे। उन्होंने बताया कि जब वह वित्त सचिव थे तो प्रणव मुखर्जी वित्त राज्य मंत्री थे। इसके बाद जब वह आरबीआई गवर्नर बने तो मुखर्जी वित्त मंत्री थे। उनके नेतृत्व में उनको काम करने का अच्छा मौका मिला।
प्रणब दा की किताब से मिलेगा सीखने का मौका: अखिलेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रणव दा की किताब से उन जैसे लोगों को सीखने में मदद मिलेगी जो राजनीति में कुछ साल पहले ही आये हैं। उन्होंने कहा नेता जी (मुलायम सिंह) से तो उन्होंने (प्रणब मुखर्जी)कई बार बात की होगी, अब शायद हमारा अनुभव उनसे भी हो जाएगा। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद ही यूपीए सरकार में दिक्कतें शुरू हुई।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रणव दा की किताब से उन जैसे लोगों को सीखने में मदद मिलेगी जो राजनीति में कुछ साल पहले ही आये हैं। उन्होंने कहा नेता जी (मुलायम सिंह) से तो उन्होंने (प्रणब मुखर्जी)कई बार बात की होगी, अब शायद हमारा अनुभव उनसे भी हो जाएगा। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद ही यूपीए सरकार में दिक्कतें शुरू हुई।
प्रणब के पुस्तक समारोह में दिखी विपक्ष की एकजुटता
पूर्व राष्ट्रपति के पुस्तक समारोह में सत्तापक्ष और उनके सहयोगी दल की ओर से कोई सदस्य नहीं दिखा। मगर सपा, माकपा नेता सीताराम येचुरी, द्रमुक नेता कनिमोझी, भाकपा नेता डी राजा समारोह में आए। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र को भी समारोह में आना था। मगर वह नहीं आए।
पूर्व राष्ट्रपति के पुस्तक समारोह में सत्तापक्ष और उनके सहयोगी दल की ओर से कोई सदस्य नहीं दिखा। मगर सपा, माकपा नेता सीताराम येचुरी, द्रमुक नेता कनिमोझी, भाकपा नेता डी राजा समारोह में आए। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र को भी समारोह में आना था। मगर वह नहीं आए।