एएमयू छात्रों के समर्थन में ओवैसी और महबूबा
वहीं दूसरी ओर AIMIM के चीफ असददुद्दीन ओवैसी और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी एएमयू में वानी के लिए नमाज-ए-जनाजा पढ़ने वाले छात्रों का समर्थन किया है। ओवैसी ने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में कश्मीरी छात्रों ने आजादी के नारे नहीं लगाए थे। उन्होंने कहा है कि सरकार इसके पुख्ता इंतजाम करने चाहिए कि कश्मीरी छात्र विश्वविद्यालय छोड़ कर न जाएं। वहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि छात्रों को अपने साथी को याद करने का पूरा हक है।
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महबूबा ने कहा- वापस हो छात्रों का निलंबन
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा,’ छात्रों की आवाज दबाने के परिणाम अच्छे नहीं होंगे, छात्रों पर से केस वापस लिए जाने पर केंद्र हस्तक्षेप करे और एएमयू प्रशासन उनका निलंबन वापस ले। जम्मू-कश्मीर के बाहर की राज्य सरकारों को स्थिती पर संवेदनशील होना चाहिए, ताकि इनके अलगाव को रोका जा सके। महबूबा मुफ्ती ने आगे लिखा, ‘छात्रों को अपने सहपाठी जो कि कश्मीर में लगातार हिंसा का पीड़ित हो, उसे याद करने के लिए सजा देना गलत होगा।’
आतंकी की मौत पर नमाज-ए-जनाजा पढ़ रहे थे एएमयू के कुछ छात्र
एएमयू अधिकारियों ने पिछले सप्ताह तीन कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया था, जिन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश की थी। विश्वविद्यालय अधिकारियों को लिखे पत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे 1200 कश्मीरी छात्रों ने बुधवार तक निलंबित छात्रों पर आरोपों को नहीं हटाने की स्थिति में अपनी पढ़ाई छोड़कर विश्वविद्यालय से जाने की धमकी दी है। वानी जनवरी में आतंकवादी कमांडर बनने से पहले एएमयू में पीएचडी कर रहा था। वह 11 अक्टूबर को जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों के साथ गोलीबारी में मारा गया था।