पुणे। ट्रिपल तलाक के खिलाफ एक मुस्लिम युवती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। युवती ने अपने इस खत के जरिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने की मांग की है। 16 साल की उम्र में अरशिया की शादी एक अमीर सब्जी कारोबारी से हुई थी। उसके पति ने दो साल बाद ही कागज पर तीन बार तलाक लिखकर उसे छोड़ दिया। अरशिया का कहना है कि इस कुप्रथा के चलते मुस्लिम महिलाओं की कई पीढिय़ां बर्बाद हो चुकी हैं।
अरशिया ने कहा कि शादी के दौरान कहा गया था कि उसे पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इस वादे पर अमल नहीं किया गया। मैंने 11वीं क्लास की पढ़ाई शादी के बाद पूरी की। अब मैं एक बार फिर पढ़ाई करना चाहती हूं और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हूं। उसके बताया कि उसका पति उसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थी। यही नहीं उसके 8 माह के बच्चे के साथ घर से निकल जाने के लिए कहा। अरशिया ने कहा कि उसे अपने पति की ओर से ट्रिपल तलाक के लिए नोटिस मिला था, मैंने इसे स्वीकार नहीं किया। इस फैसले को मैंने फैमिली कोर्ट में चैलेंज करने का फैसला लिया।
बारामती की रहने वाली अरशिया ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि मैंने अपनी जैसी महिलाओं की सहायता के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ट्रिपल तलाक पर बैन लगाने की मांग की है। इस कुप्रथा के चलते असंख्य महिलाओं को की जिंदगी बर्बाद हो गई है। अरशिया के पिता निसार बगवान ने कहा कि सरकार को यूनिफॉर्म कोड लाने के लिए प्रयास करने चाहिए। मेरी बेटी की तरह किसी को परेशानी न हो। मैं गरीब सब्जी विक्रेता हूं और मैंने अपनी बेटी की पढ़ाई बंद करवा कर उसकी शादी कर दी। यह मेरी बहुत बड़ी गलती थी।