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शहीद कैप्टन का आखिरी पोस्ट, ‘ना आरक्षण चाहिए, ना आजादी…’

Published: Feb 22, 2016 10:59:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

पवन सेना दिवस (15 जनवरी 1993) को पैदा हुए और उनकी किस्मत में शुरू से सेना ही थी

Captain Pawan Kumar

Captain Pawan Kumar

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के पंपोर में आतंकियों से लड़ते रविवार को शहीद हुए कैप्टन पवन कुमार दिल्ली की उसी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से पढ़े थे, जिसके कुछ छात्रों पर देशविरोधी नारेबाजी के आरोप हैं। हरियाणा के जींद निवासी पवन उसी जाट समुदाय से थे, जो आरक्षण की मांग लेकर हिंसा पर उतारू है और जिसे रोकने में सेना जुटी है। तीन साल पहले सेना ज्वाइन करने वाले पवन के पिता राजबीर सिंह बोले, मैंने इकलौता बेटा देश पर न्योछावर कर दिया। जहां पवन जख्मी हुए, कुछ दिन पहले वहां 2 कामयाब ऑपरेशन में शामिल हो चुके थे। पवन सेना दिवस (15 जनवरी 1993) को पैदा हुए और उनकी किस्मत में शुरू से सेना ही थी। शहीद कैप्टन ने लिखा था कि किसी को रिजर्वेशन चाहिए तो किसी को आजादी भाई। हमें कुछ नहीं चाहिए भाई। बस अपनी रजाई।

दो कैप्टन शहीद
इधर पंपोर में शनिवार से जारी मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने रविवार देर रात तक एक आतंकी को मार गिराया। मुठभेड़ में सेना के कैप्टन पवन व कैप्टन तुषार महाजन, एक कमांडो व दो सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। एक नागरिक मारा गया। सेना के एक और अफसर समेत 10 जवान घायल हैं। आतंकी सरकारी इमारत में छिपे हैं।

 सियाचिन से सेना नहीं हटाएंगे। हमें पाक पर भरोसा नहीं। उससे वार्ता का सवाल ही नहीं। पाक पहले सिद्ध करे कि वार्ता के प्रति ईमानदार है। पाक में आतंकियों पर कब और कैसे कार्रवाई करनी है, इसका निर्णय हम लेंगे। अब चुप नहीं बैठेंगे।
मनोहर पर्रिकर, रक्षा मंत्री
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