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आतंकियों से लड़कर शहीद हुआ पति, अब पत्नी ने संभाली बंदूक

गुरुवार (1 सितंबर) को सर्विस सिलेक्शन कमीशन की फाइनल लिस्ट में स्वाति का नाम आ गया है, आर्मी में भर्ती से पहले स्वाति को 11 महीने की ट्रेनिंग लेनी होगी

Maytar col Santosh Mahadik wife

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नई दिल्ली। पिछले साल नवंबर में कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक भी फौज में शामिल होने जा रही हैं। दरअसल, गुरुवार (1 सितंबर) को सर्विस सिलेक्शन कमीशन की फाइनल लिस्ट में स्वाति का नाम आ गया है। आर्मी में भर्ती से पहले स्वाति को 11 महीने की ट्रेनिंग लेनी होगी। इसके बाद वह आर्मी में लेफ्टिनेंट की पोस्ट पर ज्वाइन करेंगी।

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स्वाति ने अपने पति के अंतिम संस्कार के वक्त ही कहा था कि मैं भी फौज में शामिल होकर अपने पति की जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहती हूं। स्वाति ने सेना से नौकरी नहीं मांगी, बल्कि पढ़ाई करके एसएसबी एग्जाम पास किया। उन्होंने भर्ती के सभी पांच राउंड भी क्लियर किए। लेकिन उनके इरादे में रुकावट बन रही थी उम्र। स्वाति 32 साल की हैं और सेना के नियमों के मुताबिक इस उम्र में वो भर्ती नहीं हो सकती।

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स्वाति के लिए सेना ने दी स्पेशल छूट
अपने पति की तरह सेना में भर्ती होकर स्वाति भी देश की सेवा कर सकें, इसके लिए आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह ने सरकार से सिफारिश की थी कि उन्हें उम्र में छूट दी जाए। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने इस सिफारिश को मंजूर कर लिया। स्वाति ने एसएसबी का टेस्ट पास किया और अब चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में उनकी ट्रेनिंग होगी।

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फोटो- पत्नी स्वाति, बेटी कार्तिकी और बेटे स्वराज्य के साथ कर्नल महादिक

बच्चों को बोर्डिंग स्कूल में भेजा
स्वाति के एक 12 साल की बेटी और 6 साल का बेटा है। उन्होंने दोनों का दाखिला एक बोर्डिंग स्कूल में करा दिया है। ताकि वो ट्रेनिंग पूरी कर सकें। स्वाति का कहना है कि पति की शहादत के बाद मैं सदमे में थी। जब इससे बाहर निकली तो मैंने खुद को पहले से ज्यादा मजबूत महसूस किया। ऐसा लगा कि मेरे पति जिस काम पर थे उसके बाद उसकी जिम्मेदारी मुझे भी लेनी चाहिए। बच्चे अभी छोटे हैं, वो भी सेना में आएं तो मुझे अच्छा लगेगा।

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फोटो- कर्नल महादिक की बेटी कार्तिकी।

चुपचाप पूरा किया अपना सपना
कर्नल महादिक के भाई जयवंत घोरपड़े दूध का कारोबार करते हैं। उन्होंने बताया कि मेरे भाई की शहादत के बाद स्वाति पुणे चली गईं और वहां पर उन्होंने सेना में भर्ती के लिए एसएसबी की तैयारी शुरू कर दी। हमने उनकी इच्छा का सम्मान किया और इस दौरान बेटी कार्तिकी और बेटे स्वराज्य को अपने पास रखा। बाद में बेटी को देहरादून और बेटे को पंचगनी के बोर्डिंग स्कूल में दाखिला दिलवा दिया।

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फोटो- कर्नल महादिक के अंतिम संस्कार के दौरान पत्नी स्वाति, बेटी कार्तिकी और बेटा स्वराज्य

केंद्रीय विद्यालय में टीचर की नौकरी छोड़ी
स्वाति ने पुणे यूनिवर्सिटी से एमए किया है। वो केंद्रीय विद्यालय में टीचर थीं। लेकिन सेना में भर्ती होने के लिए उन्होंने अपनी जमी-जमाई नौकरी भी छोड़ दी। स्वाति का कहना है कि उनके पति संतोष महादिक का पहला प्यार इंडियन आर्मी था और उनका पहला प्यार संतोष थे। ऐसे में संतोष के प्यार और सपनों को जिंदा रखने और आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने आर्मी में जाने का फैसला किया। दो बच्चों की मां स्वाति के मुताबिक वह अपनी जिंदगी को एक मकसद देने जा रही हैं।

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कौन थे कर्नल संतोष महादिक
आतंकियों के साथ एनकाउंटर में शहीद हुए कर्नल संतोष महादिक 41 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर थे। कर्नल संतोष (38 साल) महाराष्ट्र के रहने वाले थे और उन्हें बहादुरी के लिए सेना मेडल से सम्मानित भी किया गया था। कर्नल संतोष 21 पैरा- स्पेशल कमांडो यूनिट में रहे और कई ऑपरेशन्स को अंजाम तक पहुंचाया।

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कुपवाड़ा के जंगलों में हुई थी मुठभेड़ 
39 वर्षीय कर्नल महादिक महाराष्ट्र के रहने वाले थे। मंगलवार को घाटी में कुपवाड़ा के हाजी नाका जंगली क्षेत्र में एक अभियान के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनकी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। कर्नल महादिक को वर्ष 2003 में पूर्वोत्तर में आपरेशन राइनो के दौरान बहादुरी के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।

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