scriptमहबूबा ने कभी रिहा किए थे 11 हजार पत्थरबाज, आज पत्थरबाजों ने ही ले ली एक सैनिक की जान | Mehbooba Mufit Release More then 11 thousand Stone pelters in Kashmir 2017 | Patrika News

महबूबा ने कभी रिहा किए थे 11 हजार पत्थरबाज, आज पत्थरबाजों ने ही ले ली एक सैनिक की जान

Published: Oct 26, 2018 08:23:47 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

महबूबा मुफ्ती ने दो साल में 11 हजार से ज्यादा पत्थरबाजों को रिहा किया था।

Mehbooba mufti

Mehbooba Mufti

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को पत्थरबाजी में घायल हुए एक जवान की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि घाटी में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पत्थरबाजी में किसी जवान की जान चली गई है। शहीद जवान की पहचान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले राजेंद्र सिंह के रूप में हुई है।

कहना गलत नहीं होगा कि सैनिक राजेंद्र सिंह की हत्या के लिए पत्थरबाजों के साथ-साथ वहां की पूर्व सरकार भी जिम्मेदार है। अर्थात पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार हमेशा से ही पत्थरबाजों पर मेहरबान रही। महबूबा मुफ्ती का तो पत्थरबाजों के लिए ‘प्रेम’ समय-समय पर देखने को मिलता रहा है। घाटी में आज पत्थरबाजों के हौंसले अगर इतने बुलंद हो गए हैं कि वो एक सैनिक को पत्थर मार-मारकर घायल कर दें और बाद में उस सैनिक की अस्पताल में मौत हो जाए तो इसके लिए कहीं ना कहीं जिम्मेदार केंद्र से लेकर राज्य सरकार भी रही है।

ऐसा नहीं है कि ये बातें सिर्फ हवा में की जा रही हैं। समय-समय पर महबूबा मुफ्ती ने पत्थरबाजों पर मेहरबानी दिखाई थी। कई बार महबूबा मुफ्ती ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए केंद्र सरकार को मजबूर किया और घाटी में पत्थरबाजों को रिहा करवाया। खुद महबूबा मुफ्ती ने इसकी जानकारी दी थी। महबूबा ने बताया था कि उनकी सरकार ने 2016 और 2017 के अंदर 11,290 पत्थरबाजों को रिहा किया था। ये वो समय था जब केंद्र में बीजेपी और राज्य में भी बीजेपी गठबंधन की सरकार थी। पहले तो कार्रवाई के नाम पर पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया गया और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने भी कई मौकों पर पत्थरबाजों को सुधरने का मौका दिया, लेकिन इसका असर घाटी में अभी तक देखने को नहीं मिला। महबूबा मुफ्ती ने पत्थरबाजों पर दरियादिली दिखाते हुए उन एफआईआर को भी निरस्त कर दिया जो पत्थरबाजों पर दर्ज की गई थीं। जिन पत्थरबाजों को महबूबा ने रिहा किया था उन्हें 2008 से लेकर 2017 के बीच में गिरफ्तार किया गया था। पत्थरबाजों की रिहाई के समय महबूबा ने कहा था कि उन्हें इस शर्त पर ही रिहा किया गया था कि वो अब कभी पत्थरबाजी में या फिर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे, लेकिन जमीनी हकीकत से हम अच्छी तरह वाकिफ है।

कौन थे राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले थे और उस टीम का हिस्सा थे, जो बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को सुरक्षा देने का काम करती है। गुरुवार को उनकी टीम पर अनंतनाग बायपास पर पत्थरबाजों ने हमला किया था। इस हमले में वो घायल हो गए थे। राजेंद्र सिंह के सिर में एक पत्थर लगा था। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को उनकी मौत हो गई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो