डीजीपी को इस मामले में नियमित रूप से निगरानी करने और इस संबंध में एक रिपोर्ट 2 हफ़्तों में सौपने के लिए कहा गया है। यह जानकारी गृह विभाग से देर शाम को जारी हुए एक पत्र में दी गई। महबूबा मुफ्ती ने 2008 से 2014 तक युवाओं के खिलाफ मामलों की समीक्षा की प्रक्रिया पर विचार किया था और पहले मामले में 634 युवाओं के 104 मामले शामिल किए गए थे, जो उनके सत्ता संभालने के दो महीने के भीतर वापस ले गए थे।
दुर्भाग्यवश, पिछले साल के बाद के भाग के लिए निरंतर हिंसा और अशांति की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई। महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में 2015-2017 तक के मामलों की समीक्षा का निर्देश भी दिया। इन युवाओं के खिलाफ मामलों की वापसी राज्य में समाज के विभिन्न वर्गों की एक बड़ी मांग रही है।
मुख्यमंत्री ने इन युवा लड़कों और उनके परिवारों के लिए इस फैसले को उम्मीद की किरण बताते हुए कहा कि उन्हें अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने का मौका दिया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस फैसले से राज्य में सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में मदद मिलेगी, जहां युवा अपनी रचनात्मक और सकारात्मक ऊर्जा से अपने जीवन का निर्माण करने में सक्षम होंगे।
आपको बता दें कि सरकार के साथ-साथ सेना भी इन दिनों कश्मीरी युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए कवायद तेज कर दी है। कुछ दिन पहले सेना ने आतंकी बने एक युवक को वापस मुख्यधारा में लाने का काम किया था।