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25 वर्षीय लेखिका ने कहा कि उन्होंने मुझे पकड़ा और जोर से जकड़कर लगभग किस करने का प्रयास किया। मैंने दूसरी ओर देखा, मेरी आंखों में आंसू थे, मुझे विश्वास है कि उन्होंने उसे (आंसू) देखा होगा। कटोच ने जेडी सेंटर ऑफ आर्ट में अपनी पहली इंटर्नशिप में दास के साथ अनुभव को साझा किया, जहां संस्थापक-अध्यक्ष चित्रकार के साथ उनके दैनिक अनुभव की शुरुआत असहजता के साथ हुई। कटोच ने दावा किया कि दास उन्हें एक दिन हौज खास के एशियाड गांव स्थित अपने घर ले गए और उन्हें एक अलग कमरा दिखाया, जहां दास ने उन्हें किस करने का प्रयास किया।
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कटोच ने कहा कि मैं अब क्यों बोल रही हूं? इसलिए नहीं, क्योंकि मैं पीड़िता हूं, इसलिए भी नहीं कि मेरा कोई एजेंडा है। मैं अब इसलिए बोल रही हूं, क्योंकि अगर कोई पुरुष या महिला कार्यस्थल पर इस स्थिति से गुजर रहे हैं तो वह मेरी गलती को न दोहराएं। उन्होंने कहा कि खुद पर शक, शक्तिशाली हस्ती होने का डर, समाज का डर या बाहर निकाले जाने का डर आपकी नियति नहीं है। बोलने के लिए पांच या 10 साल का वक्त मत लीजिए।