scriptलॉकडाउन में निजी स्कूलों की फीस मुद्दे पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुटा MHRD | MHRD trying to resolve fees issue of private schools in Lockdown | Patrika News

लॉकडाउन में निजी स्कूलों की फीस मुद्दे पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुटा MHRD

locationनई दिल्लीPublished: Apr 13, 2020 09:00:01 am

फीस के आवश्यक भाग को ही देने के फॉर्मूले पर विचार
परिवहन समेत विभिन्न तरह के खर्चों को शामिल न किया जाएं

MHRD School Lockdown

MHRD School Lockdown

धीरज कुमार/नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों और स्कूलों के बीच गतिरोध का कारण बने फीस के मुद्दे को सुलझाने के लिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय जुटा हुआ है। इस मुद्दे पर मंत्रालय का मानना है कि छात्रों, अभिभावकों के साथ स्कूल प्रबंधन को भी नुकसान नहीं होना चाहिए।
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, रविवार को तीन बार दहला देश

मंत्रालय के शाीर्ष अधिकारियों ने इस मुद्दे पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से बात की है। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर एक फॉर्मूला यह हो सकता है कि स्कूल की फीस में आवश्यक भाग को ही अभिभावकों को देने के लिए कहा जाए। जैसे कई स्कूल परिवहन, मेंटिनेंस समेत विभिन्न तरह के खर्चों को भी शामिल कर रहे थे।
सीबीएसई से जुड़े सूत्रों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल को परिवहन आदि मदों में भुगतान लेने से रोक सकता है, लेकिन ट्यूशन फीस जैसे आवश्यक भुगतान को देना जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर निजी स्कूल ऑनलाइन शिक्षा के जरिए छात्रों को पढ़ा रहे हैं।
https://twitter.com/hashtag/COVID19?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और उसके तहत आने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इस मुद्दे पर दिशा निर्देश तैयार करने में लगे हुए हैं। इन निर्देशों पर अमल करने का अधिकार राज्यों सरकारों के पास होगा। मंत्रालय के पास इन दिनों छात्रों के माता-पिता, अभिभावक संघ और निजी स्कूल के संघों की ओर से गुहार आ रही है।
Lockdown- क्या टर्मिनेटर के बेटे की तरह आप भी लॉकडाउन के दिनों का कर सकते हैं सही इस्तेमाल

अभिभावक और स्कूल संचालकों की अपनी-अपनी मांग

निजी स्कूलों के छात्रों के अभिभावक सरकार से एक तिमाही की फीस माफी की गुहार लगा रहे हैं जबकि दूसरी तरफ निजी स्कूल भी सरकार से मांग कर रहे है कि अगर फीस माफी या भुगतान में देरी होती है तो इसका नुकसान स्कूलों को उठाना पड़ेगा, क्योंकि वे अपने स्टाफ को वेतन देने की स्थिति में नहीं होंगे।
राजस्थान समेत कई राज्यों ने निजी स्कूलों को निर्देश दे दिया है कि वे अभिभावकों पर फीस देने के लिए दबाव नहीं बना सकते। लेकिन कई स्कूलों ने अभिभावकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यहां तक कि कई स्कूलों ने फीस नहीं देने वाले छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में बैठने की इजाजत नहीं दी है। राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग ने ऐसे एक मामले में दिल्ली के निजी स्कूल को नोटिस भी दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो