उन्होंने ट्वीट कर कहा कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है। ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो!
गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर धरने पर मौजूद संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली। घायल अवस्था में जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
65-वर्षीय बाबा राम सिंह कुंडली में दिल्ली-सोनीपत सीमा पर थे, जहां वह कल शाम पहुंचे। यह क्षेत्र किसानों के विरोध प्रदर्शन के केंद्र सिंघु सीमा से दो किमी दूर है। हरियाणा पंजाब और विश्व भर में संत बाबा राम सिंह को सिंगड़ा वाले संत के नाम से जाना जाता था। वे सिंगड़ा वाले डेरे के अलावा विश्वभर में प्रवचन करने के लिए जाते थे।
वे सिखों की नानकसर संप्रदाय से जुड़े हुए थे। नानकसर संप्रदाय में संत बाबा राम सिंह का काफी ऊंचा स्थान है। कई दिनों से संत बाबा राम सिंह किसानों की समस्याओं व किसान आंदोलन को लेकर दुखी थे।
अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवक्ता कंवलजीत सिंह अजराना के अनुसार गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान निसंग के पास सिंगड़ा गांव के डेरे में दर्शनों के लिए पहुंचेगा। इसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।