नई दिल्ली। सरकार ने एनआरआई को वोटिंग के अधिकार का मुद्दा मंत्रियों के एक 11 सदस्यीय पैनल के हवाले कर दिया है। यह पैनल इसके औचित्य और व्यवहार्यता का परीक्षण करेगा। पैनल प्रवासी श्रमिकों को भी मताधिकार मामले का परीक्षण करेगा। चुनाव आयोग ऐसे किसी कदम का विरोध कर चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार दोनों वर्गों के लोगों को वोट देने से इसलिए इनकार किया जाता रहा है क्योंकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई भी नागरिक जो वोट देने के अधिकार का इस्तेमाल करने जा रहा है, उसे सामान्यत: अपने निर्वाचन क्षेत्र का निवासी होना चाहिए।
गत एक सितम्बर को कानून मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इस पैनल के चेयरमैन तथा विधि सचिव सदस्य सचिव होंगे। जबकि सदस्य के रूप में नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद होंगे।