विविध भारत

अभी तक AN-32 के मलबे तक नहीं पहुंच सका पर्वतारोहियों का दल, क्रैश साइट तक पहुंचने का प्रयास जारी

दुर्घटना वाले इलाके में तीन दिन से हो रही है बारिश
बचाव दल को पास के शिविर तक पहुंचाया गया
बचाव दल में पर्वतारोही, थलसेना के जवान और स्‍थानीय लोग शामिल

 

Jun 13, 2019 / 11:46 am

Dhirendra

अभी तक AN-32 के मलबे तक नहीं पहुंच सका पर्वतारोहियों का दल, क्रैश साइट तक पहुंचने का प्रयास जारी

नई दिल्‍ली। लापता विमान AN-32 को मंगलवार को MI-17 हेलिकॉप्टर द्वारा 12 हजार फीट की ऊंचाई पर देखा गया था। लेकिन खराब मौसम के चलते बचाव दल दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में नाकाम रहा है। लिहाजा बुधवार को इन पर्वतारोहियों को एमआई-17एस और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) से लिफ्ट करके मलबे वाली जगह के नजदीक तक पहुंचाया गया। आज पवर्तारोहियों का दल घटनास्‍थल वाली जगह के लिए वहां से पैदल रवाना होगा।
 

आसान नहीं है दुर्घटनास्‍थल तक पहुंचना

दरअसल, पिछले हफ्ते दुर्घटनाग्रस्‍त एएन-32 विमान के मलबे तक पहुंचना मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है। बुधवार को 15 सदस्यीय बचाव दल ने दुर्घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पहाड़ी और दुर्गम इलाके और बेहद खराब मौसम की वजह से यह दल अपने मिशन में सफल नहीं हो सका है। फिलहाल बचाव दल को एयरलिफ्ट करके दुर्घटनास्थल के पास के शिविर तक पहुंचाया गया है। बता दें कि दुर्घटनाग्रस्त विमान में 13 लोग सवार थे।
 

an-32
दल में शामिल हैं पर्वतारोही और सेना के जवान

दुर्घटनाग्रस्‍त विमान एएन-32 मामले में वायुसेना प्रवक्ता ने बताया है कि बचाव दल गुरुवार को अपने शिविर से फिर दुर्घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश करेगा। वायुसेना की कोशिश यह है कि अगर दुर्घटना में कोई जीवित बचा हो तो उसे तुरंत वहां से निकाला जा सके। बचाव दल में वायुसेना के पर्वतारोही दल के 9 सदस्य, थलसेना के 4 सदस्य और 2 नागरिक पर्वतारोही हैं।
 

an-32 air
3 दिनों से जारी है बारिश

आपको बता दें कि इस 9 दिनों से लापता विमान के मलबे को अरुणाचल प्रदेश के सियांग और शी-योमी जिले की सीमा पर गट्टे गांव के पास एमआइ-17 हेलीकॉप्टर से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर देखा गया था। अधिकारियों के मुताबिक इस इलाके में घने जंगल हैं और वहां पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है।

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