scriptएक किताब ने खोला राज- डोकलाम को लेकर मोदी-शी ने की थी गुपचुप मुलाकात | Modi and Shi was secretly meeting on Doklam by Nitin Gokhale book | Patrika News

एक किताब ने खोला राज- डोकलाम को लेकर मोदी-शी ने की थी गुपचुप मुलाकात

Published: Sep 30, 2017 05:08:03 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

करीब 60 दिनों तक चले डोकलाम विवाद पर अचानक भारत और चीन की सेना के पीछे हटने से हर कोई हैरान था। अब एक किताब ने राज से पर्दा उठा दिया है।

Modi shi meeting
नई दिल्ली: करीब 60 दिनों तक चले डोकलाम विवाद पर अचानक भारत और चीन की सेना के पीछे हटने से हर कोई हैरान था। अब एक किताब ने राज से पर्दा उठा दिया है। रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ नितिन ए. गोखले ने ‘सिक्योरिंग इंडिया द मोदी वे’ नामक किताब में खुलासा किया है। उन्होंने लिखा है कि हेमबर्ग में जी-20 सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात में डोकलाम विवाद का हल निकालने की आधारशिला रखी गई थी। यह बैठक जी-20 नेताओं के प्रतीक्षालय में बगैर घोषणा के मोदी के शी के पास चले जाने के बाद हुई थी।
डोकलाम: चीन ने 1 महीने पहले ही कर ली थी युद्ध की तैयारी, 12 हजार सैनिक और 150 टैंक कर दिए थे तैनात

Modi shi meeting
मोदी-शी की मुलाकात से हर कोई हैरान
किताब के मुताबिक, “तात्कालिक बैठक के गवाह रहे भारतीय राजनयिकों के अनुसार, प्रधानमंत्री के शी से अघोषित मुलाकात के बाद चीनी दल चकित रह गया था। किताब के अनुसार, संक्षिप्त मुलाकात के दौरान, मोदी ने शी को सलाह दी कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और स्टेट काउंसलर यांग जीची को डोकलाम विवाद सुलझाने की अगुवाई करनी चाहिए।

मोदी ने कहा- संबंध अधिक महत्वपूर्ण
मोदी ने कथित रूप से शी से कहा,हमारे रणनीतिक संबंध डोकलाम जैसे इन छोटे सामरिक मुद्दों से बड़े हैं। एक पखवाड़े बाद, डोभाल प्रस्तावित ब्रिक्स एनएसए बैठक के लिए बीजिंग गए।
Modi shi meeting
विवाद सुलझाने के लिए 38 बैठक
इसबीच डोकलाम विवाद के दौरान भारतीय दल ने राजदूत विजय गोखले की अगुवाई में चीन में 38 बैठकें की। भारतीय दल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए डोभाल और विदेश सचिव एस. जयशंकर से स्पष्ट निर्देश मिल रहे थे। किताब के अनुसार, दल को ये निर्देश दिए गए थे कि भारत जमीन पर पर दृढ़ और कूटनीति में तर्कसंगत रहेगा।
Modi shi meeting
भारत की ताकत से डरा चीन
किताब के अनुसार, ब्रिक्स स्तर पर जोरदार तैयारी करने के बाद चीन शिखर सम्मेलन में भारत की अनुपस्थिति का खतरा मोल नहीं ले सकता था। अंत में, समझ यहां तक पहुंची कि चीन इस क्षेत्र में सड़क निर्माण के कार्य को रोकेगा, जिस वजह से यह विवाद पैदा हुआ था।
Modi shi meeting
किताब में विवाद की पूरी कहानी
किताब में यह भी खुलासा किया गया है कि यह विवाद मई के अंतिम दिनों में शुरू हुआ और इसे तीन चरणों में बांटा जा सकता है -मई के अंत से 25 जून तक गतिरोध, 26 जून से 14 अगस्त के बीच दोनों तरफ की सेनाएं आमने-सामने और 15 अगस्त से 28 अगस्त के बीच विवाद अपने चरम पर। किताब के अनुसार, 16 जून को एक हल्का वाहन और उपकरण सहित नौ भारी वाहन क्षेत्र में पहुंचे और उस दिन सुबह भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कुछ नोकझोक हुई। इसके कुछ ही देर बाद रॉयल भूटान आर्मी का एक गश्ती दल वहां पहुंचा और चीनी सेना के साथ विवाद हुआ।

किताब में बताया गया है कि 20 जून को नाथू ला में मेजर जनरल अधिकारी स्तर की वार्ता हुई, लेकिन इसके बाद भी तनाव समाप्त नहीं हुआ और 14 अगस्त को तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। दोनों देशों की पहल पर 28 अगस्त को यह विवाद समाप्त हुआ।

नितिन ए. गोखले ने ‘सिक्योरिंग इंडिया द मोदी वे’ किताब का विमोचन उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को किया था

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो