इस सिलसिले में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक ट्वीट से इसकी जानकारी दी गई थी। इसमें बताया गया था कि गैस सिलेंडर का बजार मूल्य कम हो यगा है। इसलिए सब्सिडी (Subsidy) वाले सिलेंडर की कीमतों में अंतर लगभग खत्म हो गया है। यही वजह है कि सब्सिडी की सुविधा बंद की जा रही है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में पिछले साल जुलाई में 14.2 किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर का मार्केट रेट (Market rate) 637 रुपए था। जो अब घटकर 594 रुपए रह गया है। वहीं सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत में 100 रुपए का इजाफा हुआ है इसलिए इसकी कीमत 494.35 रुपए से बढ़कर 594 रुपए हो गई है। ऐसे में बिना सब्सिडी और सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में ज्यादा अंतर नहीं रह गया। इसी के चलते सब्सिडी हटाई गई है।
दूर-दराज के इलाकों में अभी भी मिल रहा लाभ
वैसे तो सरकार ने महानगरों में रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी हटा दी है। मगर अभी भी दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लाभार्थियों को 20 रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। क्योंकि वहां ट्रांसपोर्ट पर ज्यादा खर्च होता है। मालूम हो कि देश में उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ लोगों को गैस सिलेंडर सब्सिडी का लाभ मिलता था। सरकार ने साल 2019-20 वित्तीय वर्ष में गैस सब्सिडी के लिए करीब 34,085 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।