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तीन तलाक बिल: राज्यसभा में होगी मोदी सरकार की असली परीक्षा, जानें पूरा गणित

राज्यसभा में तीन तलाक बिला का विरोध करने वाली पार्टियों की संख्या में इजाफा हो सकता है, बिना समर्थन के सरकार बिल पास नहीं करा पाएगी।

Dec 29, 2017 / 10:05 am

Kapil Tiwari

Triple Talaq Rajyasabha

धीरज कुमार/नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक के खिलाब बनाए गए बिल को लोकसभा से तो पास करा लिया है, लेकिन सरकार के लिए अब असल चुनौती थी राज्यसभा में होगी। लोकसभा में तो केंद्र सरकार के लिए इस बिल को पास करा लेना कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन वहां भी जबर्दस्त विरोध के बाद इस बिल को पास करा लिया गया है, क्योंकि लोकसभा में केंद्र सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। ऐसे में असली परीक्षा अब मोदी सरकार की राज्यसभा में होने वाली है, जहां विपक्ष जरूर इस बिल को लेकर अड़ंगा डालेगा। ऐसे में सरकार को पहले से ही कोई रणनीति तैयार करनी होगी।
विपक्ष की भूमिक रहने वाली है अहम
जैसा कि लोकसभा में ही देखने को मिल गया था मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 के खिलाफ कई राजनीतिक दल अभी भी हैं, तो ऐसे में राज्यसभा में तो ये विरोध बढ़ना लाजमी होगा, क्योंकि केंद्र सरकार के पास राज्यसभा में अभी बहुमत नहीं हैं। ऐसे में राज्यसभा से इस बिल को पास करा लेने में विपक्ष एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करने वाला है।
ये पार्टियां राज्यसभा में बनेंगी रोड़ा
लोकसभा में तो AIMIM के सांसद असददुद्दीन ओवैसी, आरजेडी, बीजेद और समाजवादी पार्टी ने इस बिल का विरोध किया था। इनके अलावा राज्यसभा में विरोध करने वाली पार्टियों में इजाफा हो सकता है। राज्यसभा में टीएमसी, बीएसपी, अन्नाद्रमुक, माकपा, जैसे राजनीतिक दल भी इस बिल का विरोध कर सकते हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी का स्टैंड अभी साफ नहीं हो पा रहा है। लोकसभा में इनमें से कुछ दलों की अनुपस्थिति में बिल पास हुआ था। अगर राज्यसभा में भी इन दलों ने वोटिंग के समय अनुपस्थिति दिखाई तो बिल पास हो सकता है। लेकिन अगर बिल के विरोध में वोटिंग की तो बिल का पास होना मुश्किल हो सकता है।
दुविधा में कांग्रेस
बिल के मौजूदा स्वरूप का विरोध कर इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने या फिर सिर्फ मौखिक विरोध कर वोटिंग के समय सदन से वॉकआउट करने जैसे विकल्प को लेकर कांग्रेस अभी दुविधा में है। लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन और सुष्मिता देव के संशोधन गिर गए थे। कांग्रेस में एक बड़ा वर्ग चाहता है कि इस बिल को रोका जाए। इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। मगर मोदी सरकार ने जिस तरह से बिल को लेकर देश भर में माहौल बनाया है उसे लेकर भी कांग्रेस चिंता में है। पार्टी में एक वर्ग का ये भी कहना है कि बिल को रोकने से बहुसंख्यक और मुस्लिम महिलाए नाराज हो सकती है।
राज्यसभा का गणित
245 सदस्यीय राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए के 88 सांसद (बीजेपी के 57 सांसद समेत) है। कांग्रेस के 57, सपा के 18, BJD के 8 सांसद, AIADMK के 13, तृणमूल कांग्रेस के 12 और NCP के 5 सांसद हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को विपक्ष के सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।

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