मोदी सरकार सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने का प्लान तैयार कर रही है
नई दिल्ली। मोदी सरकार सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने का प्लान तैयार कर रही है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी डिजिटल योजना पर आधारित है। इसको क्रियान्वित होने के बाद आवेदकों को सरकार दफ्तर के चक्कर लगाने और जल्दी वेरिफिकेशन कराने के लिए रिश्वत देने की जरूरत नहीं होगी। अभ्यर्थियों को नौकरी ज्वॉइन करने के समय तक किसी सरकारी अधिकारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हर हफ्ते की जा रही है समीक्षा
सचिवों के एक समूह ने भर्ती प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की सिफारिश की थी जिसका सरकार अनुसरण कर रही है। 12 सचिवों के एक समूह ने जनवरी में अपनी सिफारिश सौंपी थी जिसमें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव संजय कोठारी एवं विदेश सचिव एस.जयशंकर भी शामिल थे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया, कार्मिक मंत्रालय के सचिव योजना के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए सचिवों के समूह की सिफारिशों की हर हफ्ता समीक्षा कर रहे हैं। इस मामले को केंद्र के सभी सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों के समक्ष रखा गया है।
ई-साइन की फेसेलिटी
योजना के मुताबिक, सभी सरकारी रिक्तियों को एक सामान्य पोर्टल पर रखा जाएगा और आवेदन ऑनलाइन आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदन पत्र पर छात्रों को प्रत्यक्ष हस्ताक्षर करने की जरूरत भी नहीं रहेगी। ईसाइन की मदद से वे अपना हस्ताक्षर कर सकेंगे। ईसाइन एक ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर सर्विस है जो आधार कार्ड धारक को दस्तावेज पर डिजिटल हस्ताक्षर करने की अनुमति देती है। नए सिस्टम में यूनिवर्सल पेमेंट पोर्टल की मदद से परीक्षा शुल्क के ऑनलाइन भुगतान का भी विकल्प होगा।
इसके अलावा छात्रों को प्रमाणपत्र की मूल या फोटोकॉपी भी देने की जरूरत नहीं रह जाएगी। वे अपने सर्टिफिकेट डिजिटल लॉकर में अपलोड कर सकेंगे जहां से जरूरत पडऩे पर सरकार को ये दस्तावेज ऑनलाइन मिल जाएंगे। एक अधिकारी ने बताया, डिजिटल लॉकर में अपलोड किए गए सर्टिफिकेट से ही काम चल जाएगा। सारी प्रक्रिया ऑटोमेटिक हो जाएगी।
नौकरी जॉइन करने का आखिरी चरण अब तक बहुत ही मुश्किल भरा साबित हुआ है। इस चरण में आवेदक के पुलिस सत्यापन की जरूरत होती है जिसमें तीन से छह सप्ताह का समय लग जाता है। बहुत से कैंडिडेट ने शिकायत की है कि उनको तेजी से पुलिस सत्यापन कराने के लिए घूस भी देने पड़े। इस समस्या को दूर करने के लिए सचिवों के समूह ने आवेदकों के ऑनलाइन साइन किए हुए स्वघोषित शपथ पत्र लेने की सलाह दी है। आवेदकों को इसमें उल्लेख करना होगा कि उनका कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है।
इसके बाद उनकी जॉइनिंग हो जाएगी लेकिन जॉइनिंग तब तक प्रविजनल ही रहेगी जब तक पुलिस सत्यापन नहीं हो जाता है। उल्लेखनीय है कि भर्ती और आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले सरकार ने शपथपत्रों को राजपत्रित अधिकारियों से सत्यापित कराने की अनिवार्यता को खत्म किया। उसके बाद चौथे दर्जे की नौकरियों के लिए इंटरव्यू को भी खत्म कर दिया गया।