– पीएम बिना देखे भाषण दे ऐसा हर बार जरूरी नहीं हैं। हां इस बात को भी नहीं झुठला सकते कि पीएम कई बार बिना देखे बोलते हैं लेकिन उनकी टीम में काम करने वाले एक कर्मचारी बताते हैं कि अगर मोदी जी सीधा देखकर भाषण दे रहे हैं, तो वह बिना देखें बोल रहे हैं। लेकिन अगर वह बाएं या दाएं देख कर बोल रहे हैं, तो वह टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जैसे मोदी जी के ये जुमले काफी फेमस हुए…
GST: गुड एंड सिंपल टैक्स = ग्रोइंग स्ट्रॉन्गर टुगेदर ।
SCAM: सपा, कांग्रेस, अखिलेश यादव और मायावती।
BHIM: भारत इंटरफेस फॉर मनी , डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए बनी इस ऐप को डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर बना गया है।
VIKAS: विद्युत, कानून और सड़क को मिलाकर बना विकास।
ABCD: आदर्श, बोफोर्स, कोयला और दामाद।
GST: गुड एंड सिंपल टैक्स = ग्रोइंग स्ट्रॉन्गर टुगेदर ।
SCAM: सपा, कांग्रेस, अखिलेश यादव और मायावती।
BHIM: भारत इंटरफेस फॉर मनी , डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए बनी इस ऐप को डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर बना गया है।
VIKAS: विद्युत, कानून और सड़क को मिलाकर बना विकास।
ABCD: आदर्श, बोफोर्स, कोयला और दामाद।
आइए आपको बताते हैं कि कौन है मोदी जी के जुमलों के पीछे- 1. यश गांधी, नीरव के. शाह
– ये दोनों शख्स गुजराती हैं। इसके अलावा दोनों ही पीएमओ में रिसर्च ऑफिसर हैं। दोनों ही पीएम के भाषण के लिए सभी इनपुट देते हैं। यही नहीं ये दोनों शख्स पीएम के ट्विटर और फेसबुक भी देखते हैं।
– ये दोनों शख्स गुजराती हैं। इसके अलावा दोनों ही पीएमओ में रिसर्च ऑफिसर हैं। दोनों ही पीएम के भाषण के लिए सभी इनपुट देते हैं। यही नहीं ये दोनों शख्स पीएम के ट्विटर और फेसबुक भी देखते हैं।
2. प्रतीक दोषी (ओएसडी- रिसर्च एंड स्ट्रैटजी)
प्रतीक नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से पढ़े हुए हैं। वह साल 2007 में मोदी से जुड़े हुए हैं। वे मोदी सरकार के लिए भाषणों के लिए पूरी तरह से रिसर्च करते हैं।
प्रतीक नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से पढ़े हुए हैं। वह साल 2007 में मोदी से जुड़े हुए हैं। वे मोदी सरकार के लिए भाषणों के लिए पूरी तरह से रिसर्च करते हैं।
3.जगदीश ठक्कर ये पीएम के पीआरओ हैं। यानि पब्लिक रिलेशन ऑफिसर जिनका काम मीडिया और बाकी ब्रैंडिंग करना होता है। जगदीश ठक्कर जब मोदी सीएम थे तब भी उनके पीआरओ थे। 4. हिरेन जोशी (ओएसडी-आईटी) – हिरेन जोशी राजस्थान विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स-कम्युनिकेशन के प्रोफेसर हैं। वे उनके सोशल मीडिया को देखते हैं और कम से कम शब्दों में अपनी सारी बातें सोशल मीडिया पर पहुंचा देते हैं। जैसे उन्होंने एक योजना ऐसी दी है जिसमें पीएम के साथ-साथ बीजेपी का नाम भी इस्तेमाल किया है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना यानी पीएमबीजेपी।