हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा
बयान के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति की पुष्टि करते हुए, उन लोगों ने अफगानिस्तान में सुरक्षा और स्थिरता के लिए समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई। दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा के दौरान, दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर चिंता जताई और लोकतांत्रिक संस्थान व कानून के शासन के आदर की महत्ता पर जोर दिया। बयान के अनुसार अफगानिस्तान पर, दोनों नेताओं ने हिंसाग्रस्त देश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए लगातार समर्थन देने को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई। अमरीका ने अगस्त 2017 में दक्षिण एशिया रणनीति की घोषणा की थी। बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों के संकट को सुलझाने के तरीकों और देश की स्थिति पर भी बात की। बयान के अनुसार, अमरीकी विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकता, उत्तर कोरिया के मुद्दे पर, दोनों नेताओं ने प्योंगयांग के परमाणु निशस्त्रीकरण के लिए अन्य कदम उठाने के बारे में चर्चा की।
मालदीव मसले पर भी बातचीत
चीन मालदीव में उपजे राजनीतिक संकट के बीच वहां के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को समर्थन दे रहा है, वहीं नई दिल्ली और वाशिंगटन इस मुद्दे पर समान दृष्टिकोण अपना रहे हैं और दोनों देश यामीन द्वारा सोमवार को लागू आपातकाल को समाप्त करने व वहां लोकतंत्र की तत्काल बहाली चाहते हैं। मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के उपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को हटाने और साथ ही कई मामलों से अन्य नेताओं को रिहा करने के बाद, यामीन सरकार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया है। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के पांच में से दो न्यायाधीशों को गिरफ्तार कर लिया और तीन अन्य ने नौ नेताओं को रिहा करने के आदेश को वापल ले लिया। दक्षिण एशिया रणनीति के तहत, ट्रंप चाहते हैं कि भारत अफगानिस्तान में और सहायता मुहैया कराए। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, ट्रंप चीन की चुनौती की बराबरी के लिए चार लोकतंत्रिक देशों, भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे है।