गुजरात में चल रही तेज पश्चिमी हवाएं, ओडिशा में आया चक्रवात, हरियाणा के ऊपर हवा का लो प्रेशर बनना, अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बढ़ना और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का सक्रिय होना ही इस बार देर तक भारी बारिश होने का कारण है। हालांकि बारिश की रफ्तार में गुरुवार से थोड़ी कमी जरूर आएगी लेकिन शनिवार के बाद बारिश का दौर काफी कम हो जाएगा।
हिमाचल में सबसे बुरा हाल
हिमाचल प्रदेश का हाल इस वक्त सबसे बुरा है। यहां पूरे सितंबर माह में औसतन 125 मिमी बारिश होती है लेकिन बीते चार दिनों में यानि 21-25 सितंबर को 166.7 मिमी बारिश हुई है। अकेले 23 सितंबर को ही 67.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो कि सामान्य से 15 गुना ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित पंजाब और हिमाचल प्रदेश को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। लगातार बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन से उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य प्रभावित हुए जिससे सोमवार को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई।
मौसम विभाग की ओर से शनिवार तक देश के कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाके, पंजाब, हरियाणा, दक्षिण राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और उत्तप्रदेश के कुछ इलाके शामिल हैं।