सभी शिकायतें अस्पष्ट मिलें
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अधिकांश शिकायतों में आरोप अस्पष्ट और गैर-सत्यापित पाए गए हैं। कमीशन को कई शिकायतें राज्य सरकार और अन्य संस्थान (जो आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं या जो प्रशासनिक प्रकृति के हैं) के सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग को 2015 में भ्रष्टाचार की 29,838 शिकायतें मिलीं। इससे पहले 2012 में यह संख्या 37,039 जबकि 2013 में 31,432 और 2014 में 62,362 रही। 2011 में आयोग को भ्रष्टाचार की 16,929 शिकायतें मिली थीं। सीधे सीवीसी को भेजी गई शिकायतों के अलावा 2017 में 57,000 से ज्यादा शिकायतें तमाम विभागों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों को भेजी गईं।
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सबसे ज्यादा रेलवे के खिलाफ मिलीं शिकायतें
शिकायतों का विवरण देते हुए आयोग ने कहा कि भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा 12,089 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिली थीं। इनमें से 9,575 का निपटारा कर दिया गया है जबकि 2,514 शिकायतें अभी लंबित हैं। इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ कुल 1,037 ऐसी शिकायतें हैं जो 6 महीने से ज्यादा वक्त से लंबित हैं। वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दिल्ली जल बोर्ड, नॉर्थ, ईस्ट और साउथ दिल्ली के निकायों व एनडीएमसी जैसे स्थानीय निकायों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 8,243 शिकायतें मिली हैं।