अरविंद मौजूदा समये में चलाते हैं सीएम आदित्यनाथ की कार
लखनऊ के पुलिस सुरक्षा विभाग में कांस्टेबल के पद पर तैनात अरविंद कुमार सिंह देश के कई वीवीआईपी की गाड़ियां चला चुके हैं। मौजूदा समय में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाड़ी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के ऐसे सात ड्राइवर में से एक हैं जो वीवीआईपी की गाड़ियां चलाते हैं। उनके मुताबिक वे 1991 में पुलिस में शामिल हुए थे। उस दौरान भी वे पुलिस की गाड़ियां चलाते थे।
लखनऊ के पुलिस सुरक्षा विभाग में कांस्टेबल के पद पर तैनात अरविंद कुमार सिंह देश के कई वीवीआईपी की गाड़ियां चला चुके हैं। मौजूदा समय में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाड़ी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के ऐसे सात ड्राइवर में से एक हैं जो वीवीआईपी की गाड़ियां चलाते हैं। उनके मुताबिक वे 1991 में पुलिस में शामिल हुए थे। उस दौरान भी वे पुलिस की गाड़ियां चलाते थे।
2003 में पुलिस रक्षा विभाग ने उनके वाहन चलाने की कुशलता को देखा और उन्हें एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर मानेसर गुरुग्राम में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। वहां से उनकी किस्मत पलट गई। वहां उन्होंने 45 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग ली। इस ट्रेनिंग को ओफेंस ड्राइंविंग कहते हैं। उन्हें सिखाया गया कि एनएसजी सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी लोगों की गाड़ियों को कैसे चलाया जाए और कैसे उनकी सुरक्षा की जाए।
चला चुके हैं राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री की गाड़ियां
ट्रेनिंग के बाद उन्हें राष्ट्रपति भवन में नियुक्त किया गया। वहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की गाड़ी चलाई। जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के तीन मुख्यमंत्रियों की गाड़ियां वे चला चुके हैं। उन्हें देश के कुशल ड्राइवरों में से एक माना जाता है। इसके साथ ही वीवीआईपी उन पर भरोसा भी करते हैं। हालांकि अभी तक 26 साल की सेवा देने के बाद उन्हें एक नाराजगी है। उन्होंने बताया कि वे अभी तक कांस्टेबल हैं। उनकी इच्छा है कि उन्हें कम से कम प्रमोसन देकर एएसआई बना दिया जाए।
ट्रेनिंग के बाद उन्हें राष्ट्रपति भवन में नियुक्त किया गया। वहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की गाड़ी चलाई। जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के तीन मुख्यमंत्रियों की गाड़ियां वे चला चुके हैं। उन्हें देश के कुशल ड्राइवरों में से एक माना जाता है। इसके साथ ही वीवीआईपी उन पर भरोसा भी करते हैं। हालांकि अभी तक 26 साल की सेवा देने के बाद उन्हें एक नाराजगी है। उन्होंने बताया कि वे अभी तक कांस्टेबल हैं। उनकी इच्छा है कि उन्हें कम से कम प्रमोसन देकर एएसआई बना दिया जाए।