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तीन राज्यों में नहीं लागू हुआ नया मोटर व्हीकल एक्ट, पीछे है बड़ी वजह

locationनई दिल्लीPublished: Sep 01, 2019 01:45:15 pm

देशभर में आज से लागू हुआ नया मोटर व्हीकल एक्ट
दो राज्यों ने नहीं किया लागू, भ्रष्टाचार को बताया बड़ी वजह
राज्य सरकार ने कहा समीक्षा का है अधिकार

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही बड़े फैसले लेना शुरू कर दिए हैं। यही वजह रही कि ससंद के पहले ही सत्र में सरकार ने कई कानून पारित करवा लिए। इन्हीं में से एक है मोटर व्हीकल एक्ट। देश में मोटर व्हीकल एक्ट आज से लागू हो गया है। खास बता यह है कि देश के दो राज्य ऐसे हैं जहां ये एक्ट लागू नहीं हुआ है।
दरअसल मोदी सरकार के इस कानून को लेकर दो राज्यों ने पहले ही जमकर विरोध किया था। यही वजह है कि आज जैसे ही ये कानून लागू हुआ इन दोनों राज्यों ने इसे अपने यहां लागू नहीं किया।
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इन दो राज्यों में नहीं हुआ लागू
राजस्थान और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने संशोधित मोटल व्हीकल एक्ट कानून को लागू नहीं किया है। ये दोनों ही राज्य पहले ही इस कानून को लेकर विरोध कर रहे हैं। हालांकि कुछ अन्य राज्यों ने भी आपत्ति जताई थी, लेकिन अब इसे लागू कर लिया।
लागू ना करने की यह है वजह
राजस्थान और बंगाल में मोटर व्हील एक्ट लागू ना करने के पीछे बड़ी वजह है। दरअसल इन राज्यों ने जुर्माने में 10 गुना वृद्धि समेत कई कड़े प्रावधानों से लैस इस एक्ट को प्रदेश में लागू न करने का फैसला किया है।
इन दो राज्यों के साथ ही मध्यप्रदेश ने भी फिलहाल इसे लागू करने में असमर्थता जताई है। परिवहन मंत्री का कहना है कि वे कुछ सुधारों के बाद इस कानून को लागू करेंगे।

समीक्षा का अधिकार
राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि भले ही इस एक्ट का मकसद दुर्घटना रोकना हो लेकिन भारी जुर्माने की वजह से भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के पास इसकी समीक्षा करने का अधिकार है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि जुर्माने की राशि की समीक्षा करने के बाद ही हम इसे लागू करने पर फैसला करेंगे।

वहीं पश्चिम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जुर्माने की राशि को ही इसे न लागू करने का आधार बनाया है।
हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र के बीच लोकसभा चुनाव के समय से ही चली आ रही तनातनी को इसकी वजह माना जा रहा है।

केंद्र सरकार ने तर्क दिया था कि अगर जुर्माना अधिक होगा तो नियमों का अनुपालन कड़ाई से हो सकेगा और इससे सड़क हादसों में कमी आएगी।
दूसरी तरफ राजस्थान सरकार का कहना है कि यह नियम लागू किए गए तो भ्रष्टाचार और बढ़ जाएगा।

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