स्विस बैंक यूबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, औसतन मुंबईकर 3,314.7 घंटे प्रति वर्ष काम करते हैं।
विश्व में सबसे ज्यादा घंटे काम करते हैं मुंबईकर लेकिन कमाई के मामले में हैं फिसड्डी
मुंबई। जहां एक तरफ देश में लंबे वर्किंग आवर्स को कम करने की आवाज उठती रही है इसी बीच मुंबई के बाशिंदों को सलाम करने वाली खबर आई है। सपनों के शहर में रहने वाले मुंबईकर दुनिया में सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे हैं, दुनिया के 77 प्रमुख शहरों में मुंबई के लोग सबसे लंबे समय तक काम करते हैं। स्विस बैंक यूबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, औसतन मुंबईकर 3,314.7 घंटे प्रति वर्ष कार्य करते हैं जो औसत 1,987 घंटे प्रति वर्ष कार्य से अधिक है। वहीं कुछ यूरोपियन देश जैसे रोम (1,581 घंटे/वर्ष) और पेरिस (1,662 घंटे/वर्ष) के मुकाबले मुंबईकर करीब दोगुना काम करते हैं। विश्व भर में लंबे घंटों तक काम करने के बावजूद मुंबई के लोग कमाई के मामले में पीछे हैं। वे जरूरी चीजें नहीं ले पाते हैं।उदाहरण के तौर पर न्यूयॉर्क के लोग सिर्फ 54 घंटे काम करने के बाद एक आईफोन X आसानी से खरीद सकते हैं। लेकिन मुंबईकर ऐसा नहीं कर पाएंगे। क्योंकि मुंबई को एक आईफोन एक्स को पाने के लिए 917 घंटे पसीना बहाना पड़ेगा। जब जाकर आएगा आईफोन। वहीं इसके अलावा अगर किराए पर खर्च, जीवन यापन लागत का अनुमान लगाया जाता है, तो मुंबई में रहने की लागत न्यूयॉर्क की 46% है।
प्रति घंटा कमाई के मामले में जिनेवा, ज्यूरिख और लग्जमबर्ग शीर्ष पर हैं जबकि मुंबई सूची में नीचे से दूसरे यानी 76वें स्थान पर है। मुंबई से नीचे केवल काहिरा है।औसत कमाई की बात करें तो तालिका में नैरोबी और लाओस जैसे अफ्रीकी शहर मुंबई से अच्छे हैं। इस अध्ययन के लिए यूबीएस ने 15 पेशों पर नजर डाली। इस अध्ययन में ज्यूरिख सबसे महंगा शहर रहा। क्रय क्षमता के लिहाज से लग्जमबर्ग सबसे आगे रहा।