जम्मू-कश्मीर: पुल के लिए मुस्लिम समुदाय ने छोड़ा 40 साल पुरानी मस्जिद पर दावा
- झेलम नदी (Jhelum River) पर ये पुल बनने का काम पिछले 17 साल से लटका हुआ था
- अब मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) ने 40 साल पुरानी मस्जिद पर दावा छोड़ दिया है

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद वहां के मुस्लिम समुदाय (Muslim community) ने सौहार्द की एक गजब मिसाल पेश की है। दरअसल, राजधानी श्रीनगर में एक पुल के निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद को छोड़ने का फैसला किया है। ये मस्जिद 40 साल पुरानी है और पुल के निर्माण के लिए मस्जिद को तोड़ना बहुत जरूरी था। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद तोड़ने पर सहमति जताई है।
17 साल से अटका हुआ था पुल निर्माण का कार्य
आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण झेलम नदी पर होना है। ये प्रोजेक्ट पिछले 17 साल से लटका हुआ था। पुल के रास्ते में एक मस्जिद के आने से इसका काम अभी तक रूका हुआ था। मस्जिद के अलावा इस निर्माण कार्य में कुछ रिहायशी और कमर्शियल बिल्डिंग भी रोड़ा बनी हुई थीं, जिन्हें अब हटाया जाएगा।
शनिवार से मस्जिद तोड़ने की प्रक्रिया हुई शुरू
अधिकारियों ने बताया कि नदी पर पुल बनाने का यह प्रॉजेक्ट 2002 से ही लंबित पड़ा हुआ था। इसके रास्ते में मस्जिद की मौजूदगी के साथ ही कुछ रिहाइशी और कमर्शल भवन भी आ रहे थे। श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और मस्जिद आबू तुरब की मैनेजिंग समिति के बीच कमरवारी के रामपोरा इलाके में शनिवार को हुए समझौते के 24 घंटे बाद मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
इससे पहले गुरूद्वारे को भी हटाया जा चुका है
यह दूसरी घटना है जब उपायुक्त के प्रयासों से अटके पड़े प्रमुख प्रॉजेक्ट्स पर कार्य शुरू हुआ। इससे पहले इसी महीने उन्होंने जैनाकोटे में ऐतिहासिक दमदमा साहिब गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटि से बातचीत कर श्रीनगर-बारामूला नैशनल हाइवे के विस्तार कार्य को शुरू करवा दिया था।
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