scriptमुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामला: मजिस्ट्रेट की निगरानी में गिराई जा रही है बिल्डिंग | Muzaffarpur Girl's Shelterhome case: Process to destroy Muzaffarpur shelter home begins under Magistrate's supervision | Patrika News

मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामला: मजिस्ट्रेट की निगरानी में गिराई जा रही है बिल्डिंग

locationनई दिल्लीPublished: Dec 13, 2018 03:32:39 pm

Submitted by:

Anil Kumar

मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण जैसे घृणित कांड को अंजाम दिया जा रहा था जिसे अब मजिस्ट्रेट की निगरानी में गिराया जा रहा है।

मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामला: मजिस्ट्रेट की निगरानी में गिराई जा रही है बिल्डिंग

मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामला: मजिस्ट्रेट की निगरानी में गिराई जा रही है बिल्डिंग

पटना। बिहार और देश के सबसे घृणित कांड में से एक मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की गई। जिस आश्रम में ऐसे घृणित कांड को अंजाम दिया जा रहा था उसे मजिस्ट्रेट की निगरानी में गिराया जा रहा है। इससे पहले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) ने बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग को एक आडिट रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें यह खुलासा किया गया था कि 30 से ज्यादा लड़कियों के साथ यौन शोषण किया गया है। बता दें कि इस मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति मुख्य आरोपी हैं जो कि फिलहाल जेल में बंद हैं।
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सीबीआई जल्द दायर करेगी चार्जशीट

आपको बता दें कि इस मामले को लेकर एक दिन पहले बुधवार को सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में एक बड़ा बयान दिया था। सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में चार्जशीट तैयार है और उसे जल्द ही फाइल करेंगे। सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि 21 पीड़िताओं की 21 चार्जशीट फाइल करने की प्रक्रिया में है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था क्या इस मामले की जांच आयकर विभाग भी कर रहा है, इसपर सीबीआई ने हां में जवाब देते हुए कहा था कि इस मामले में आय से संबंधित पूरे मामले की जांच आयकर विभाग कर रहा है। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सीबीआई को सात दिसंबर तक चार्जशीट दायर करने की मोहलत दी थी।

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क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बालिका गृह में 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आया था। यह मामला सामने आने के बाद से देशभर में हड़कंप मच गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) ने बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग को एक आडिट रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से तहलका मच गया। रिपोर्ट में यह बात सामने आई के नाबालिग लड़कियों के साथ यौन दुराचार करने के मामले में कई रसूखदार शामिल है। हैरानी की बात है कि इसमें बिहार सरकार के मंत्री पर भी सवाल खड़े हुए। इस मामले में नीतीश सरकार में मंत्री रह चुकी मंजु वर्मा और उसके पति पर भी आरोप लगे। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस और सरकार को भी फटकार लगाई, जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए मंजू वर्मा को मंत्री पद से बर्खास्त किया और जेल भेज दिया। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

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