सोमवार को सीबीआई की जांच टी मुजफ्फरपुर पहुंची। टीम न इस मामले में सामाजिक कल्याण विभाग पटना और टीआईएसएस (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज) के अधिकारियों से सभी दस्तावेज हासिल किए। इसके साथ ही सीबीआई की टीम ने मौके का मुआयना भी किया है। सीबीआई इस मामले में प्रारंभिक जांच पहले शुरू कर चुकी है। दूसरी तरफ शीर्ष अदालत ने सीबीआई से इस मामले की जांच तेजी से पूरा करने को कहा है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से भी सभी दस्तावेज और सबूत ले लिए हैं। सीबीआई टीआईएसएस टीम के संपर्क में है, जिसने मुजफ्फरपुर में आश्रय घर का लेखा परीक्षा की है।
दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर बालिका गृह के साथ ही आज भागलपुर आश्रय गृह के पूर्व अधीक्षक होम प्रदीप शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि टीआईएसएस (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज) ने अपनी सामाजिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि आश्रय घर पर बच्चों के लिए व्यवस्था अच्छी नहीं थी।
इस मामले में सबसे ज्यादा खराब हालत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है। उनका कहना है कि TISS की रिपोर्ट आने के बाद से ही बिहार सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। मेरे ऊपर चुप होने का आरोप लगाया जा रहा है जो पूरी तरह से गलत है। आज नीतीश कुमार ने इस मामले में कहा कि मंत्री के करीबी अगर शामिल हैं तो उसके ऊपर भी सख्त कारवाई होगी। नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक कल्याण मंत्री को बुलाया था, लेकिन उसने किसी भी आदमी के शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इसकी जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए।
”””””
सीएम नीतीश कुमार हर दिन इस मामले पर मीडिया को सफाई दे रहे हैं। लेकिन उनकी ये सफाई राहत देने के बदले छवि को खराब करने वाला साबित हो रहा है।