नमामि गंगे योजना चुनाव से पहले और बाद तक मोदी सरकार कई वादों के बारे में बात करती रही। इन चार सालों में मोदी सरकार ने बहुत सी योजनाएं भी चलाई और सफल भी रही। लेकिन अभी भी कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिन्हें पूरा करने में मोदी सरकार अभी भी प्रयासरत है। उनमें से एक है- नमामि गंगे योजना।
नमामि गंगे मोदी सरकार की उन योजनाओं में से है जिसके बलबूते पर जनता का विश्वास करकार पर कायम रहा। आज हम जानेंगे कि नमामि गंगे योजना को पूरा करने में मोदी सरकार कितना सफल रही।
केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों लगातार एक ही नारा देते आए हैं- ‘गंगा हमारी मां है’ और ‘गंगा हमारे अस्तित्व का आधार है’। लेकिन इस बात की जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है।
मोदी सरकार के 4 साल: पीएम का जनता को सलाम, बोले- विकास बना जन आंदोलन हरिद्वार में गंगा मां का है ये हाल सबसे पहले रूख करते हैं हर की पौड़ी हरिद्वार की तरफ। खबर है कि अभी तक सिर्फ हरिद्वार में गंगा सफाई और कई योजनाओं के लिए लगभग 1200 करोड़ का बजट आया और खर्च भी हुए। लेकिन ये बजट सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गया क्योंकि धरातल पर उसकी कहीं भी छाप नहीं दिख रही है।
1200 करोड़ पर सवाल वहीं बताया जा रहा है कि हरिद्वार में अभी भी कई नालों और सीवर का पानी गंगा में बहा दिया जाता है, जिससे यहां का पानी ना तो पीने योग्य है ना ही नहाने योग्य। अब सवाल ये उठता है कि अगर गंगा की ऐसी स्थिति है तो योजनाओं के लिए आए वो 1200 करोड़ कहां गए?
एक सरकारी आंकड़े के अनुसार हरिद्वार में हर रोज 120 मिलियन लीटर सीवर का पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है। जबकि पम्पिंग स्टेशन की क्षमता सिर्फ 63 एमएलडी की है। यानी लगभग 50-60 एमएलडी गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है।
आज मोदी सरकार के चार वर्ष पूरे, एक नजर में जानिए कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां और नाकामियां वाराणसी की हकीकत अब अगर बात करें वाराणसी की तो अभी हाल ही में पीएम मोदी की वाराणसी यात्रा के दौरान भी गंगा सफाई को लेकर एक ममाला सामने आया था। जब एक गंदे नाले को छुपाने के लिए, उसके ऊपर एक पोस्टर रख दिया गया था।
सवाल उठाने का मकसद ऐसे में सबके मन में एक सवाल जरूर उठता है कि इतनी योजनाएं चलाने के बाद भी क्यों हमारी गंगा आज भी मैली है? क्यों उन योजनाओं को सही से क्रियान्वित नहीं किया गया। यहां पर इन सवालों को उठाने का सिर्फ एक ही मकसद है कि सरकार द्वारा गंगा सफाई के लिए दी गई धनराशि का उचित प्रयोग हो रहा है या नहीं। हालांकि केंद्र सरकार अपनी नमामि गंगे की इस योजना में पुरजोर से लगी हुई है और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही कुछ अच्छे आंकड़े हमारे सामने आएंगे।