उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित करने को कहा है। सरकार एक से डेढ़ साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने को पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बातचीत करें और समाधान निकालें।
वहीं किसान संगठन के नेताओं ने तोमर से कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर जल्द हम अपने नेताओं के साथ विचार करने वाले हैं। 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक में आएंगे और आपको निर्णय से अवगत कराएंगे।
किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने दोनों पक्षों की सहमति से एक निश्चित समय के लिए तीनों कृषि कानूनों को निलंबित करने और एक समिति के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि उन्होंने कहा कि किसान संगठन कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़ा है, लेकिन कानूनों को निलंबित करने के सरकार के प्रस्ताव पर गुरुवार को वार्ता करेंगे।