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नरोदा पाटिया दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने 4 दोषियों को दी जमानत, बाबू बजरंगी व अन्‍य की याचिका भी स्‍वीकार

locationनई दिल्लीPublished: Jan 23, 2019 12:17:03 pm

हाईकोर्ट ने उमेश भाई भारवाड़, राजकुमार, हर्षद और प्रकाश भाई राठौर को 10 साल की सजा सुनाई थी।

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नरोदा पाटिया दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने 4 दोषियों को दी जमानत, बाबू बजरंगी व अन्‍य की याचिका स्‍वीकार की

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज नरोदा पाटिया दंगा-2002 मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए 4 दोषियों को जमानत दे दी है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले जिन लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है वो संदेह के घेरे में है। इसलिए आरोपियों के याचिका पर विचार करना जरूरी है। बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को 10 साल की सजा सुनाई थी। इन आरोपियों में उमेश भाई भारवाड़, राजकुमार, हर्षद और प्रकाश भाई राठौर शामिल हैं। इस मामले में एससी ने सुनवाई के दौरान कहा कि बजरंगदल के नेता बाबू बजरंगी और अन्य की अपील भी स्वीकार कर ली है।
हाईकोर्ट ने 32 में से 17 बरी कर दिया था
इससे पहले नरोदा पाटिया दंगा मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी को बरी कर दिया था, वहीं बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखी गई थी। सुनवाई के दौरान नरोदा दंगा पीड़ित के लिए मुआवजे की मांग वाली याचिका को गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस मामले के 32 दोषियों में से गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी सहित 17 लोगों को बरी कर दिया था। कोर्ट 12 लोगों की सजा को बरकरार रखा था। साथ ही अभी दो के ऊपर फैसला आने का इंतजार है। इनमें से एक आरोपी की मौत हो गई है। न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में कोडनानी को 28 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सात अन्य को 21 साल के आजीवन कारावास और शेष अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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