इससे पहले नरोदा पाटिया दंगा मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी को बरी कर दिया था, वहीं बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखी गई थी। सुनवाई के दौरान नरोदा दंगा पीड़ित के लिए मुआवजे की मांग वाली याचिका को गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस मामले के 32 दोषियों में से गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी सहित 17 लोगों को बरी कर दिया था। कोर्ट 12 लोगों की सजा को बरकरार रखा था। साथ ही अभी दो के ऊपर फैसला आने का इंतजार है। इनमें से एक आरोपी की मौत हो गई है। न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में कोडनानी को 28 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सात अन्य को 21 साल के आजीवन कारावास और शेष अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।