नसीर ने कहा है कि मौजूदा समय में देश में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच चल रहा है और जो लोग इनके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उनकी आवाज छापे मारकर और अकाउंट सील कर दबाई जा रही है। आपको बता दें कि नसीरुद्दीन शाह एमनेस्टी के एम्बेसेडर भी हैं। यही नहीं कुछ दिन पहले ईडी ने बेंगलूरु में एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यालय पर छापे मारे थे। नसीरुद्दीन अपने बयान में इसी छापे का जिक्र कर रहे हैं।
इससे पहले नसीरुद्दीन बुलंदशहर में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। इस प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता होती है। लेकिन इस बार नसीरुद्दीन ने मानव अधिकार’ हैशटैग के साथ वीडियो शेयर कर पूछा, ‘क्या ऐसे ही देश का सपना देखा था?’
शाह ने कहा कि संविधान का मकसद देश के हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और सियासी इंसाफ देना था। खास बात यह है कि इस बार भी नसीरुद्दीन के बयान को लेकर प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई है।
शाह के बयान पर अभिनेता इमरान हाशमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं अभी जो सोच रहा हूं उसे व्यक्त करने में सक्षम हूं। मुझे लगता है कि हमारे देश में बोलने की स्वतंत्रता है, मैं विवाद से थोड़ा अनभिज्ञ हूं। इसलिए, उस पर बोलना मेरे लिए थोड़ा गैर-जिम्मेदाराना होगा। उधर…नसीर के बयान के बाद शिवसेना की भी प्रतिक्रिया आई है। सांसद संजय राउत ने कहा, मुझे नहीं लगता कि भारत में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। भारत में लोकतंत्र है। मैं नसीरुद्दीन शाह जी का सम्मान करता हूं, वह एक महान कलाकार हैं, वह जो कहना चाहते हैं वही कह रहे हैं।