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जानिए कहां पर अनिवार्य होगा राष्ट्रगान, समिति ने सौंपी राज्य सरकार को रिपोर्ट

Published: Apr 20, 2018 10:02:22 am

Submitted by:

Shweta Singh

अंदेशा जताया जा रहा है कि समिति कोर्ट से यह मांग कर सकती है कि सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले राष्ट्रीय गान नहीं चलाया जाए।

National anthem in front of national flag

नई दिल्ली। सिनेमाघरों में फिल्म-स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान बजाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब इससे जुड़ी एक समिति बदलाव की मांग करने का संकेत दे रही है। इस अंतर-मंत्रालयी समिति ने इस संबंध में एक फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि ‘किन विशेष परिस्थितियों या अवसरों’ पर राष्ट्रगान बजाया जाना अनिवार्य होना चाहिए। अंदेशा जताया जा रहा है कि समिति कोर्ट से यह मांग कर सकती है कि सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले राष्ट्रीय गान नहीं चलाया जाए।

दिसंबर में गठित की गई थी 12 सदस्यीय कमेटी
इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार समिति कोर्ट के सामने यह तर्क दे सकती है कि राष्ट्रगान से फिल्म स्क्रीनिंग पर असर पड़ता है और साथ ही इस तरह राष्ट्रगान बजाने से उसकी गरिमा पर भी बुरा असर पड़ता है। बता दें यह 12 सदस्यीय पैनल पिछले साल दिसंबर में गठित की गई थी। इस पैनल को छह महीने का समय दिया गया था, जिसमें उन्हें सार्वजानिक स्थलों और सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाये जाने के लिए सांविधिक आवश्यकताओं के बारे में विचार कर रिपोर्ट देनी थी।

यहां चलाया जाए राष्ट्रगान : समिति
अब यह कयास लगाए जा रहे है कि समिति ने अपना खाका तैयार कर लिए है। इसे जुड़े सूत्रों ने कहा कि, समिति की ओर से यह सुझाव देने की संभावना है कि राष्ट्रीय गान को अखिल भारतीय रेडियो पर राष्ट्र के राष्ट्रपति के संबोधन से पहले और बाद में औपचारिक राज्य कार्यों में गवर्नर / लेफ्टिनेंट गवर्नर के आगमन के दौरान बजाया जाना चाहिए। इसके साथ ही जब परेड में राष्ट्रीय ध्वज लाया जाता है , जब रेजिमेंट रंग प्रस्तुत किए जाते हैं, और स्कूलों में सुबह की असेंबली के दौरान राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य होना चाहिए।

राज्यसरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
पैनल से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने ये रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है और उनके प्रतिक्रिया का इंतजार है। राज्यसरकार की टिप्पणी के बाद ही समिति सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई में अपना फ्रेमवर्क प्रस्तुत करेगी।

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