नेशनल कॉन्फ्रेंस का बड़ा बयान नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अली मोहम्मद सागर ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में कश्मीरी बिजनेसमैन और छात्रों पर हमले हो रहे हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न तो कोई संवेदना व्यक्त की है और न ही कोई सांत्वना दिया है। उन्होंने कहा कि केवल इस पर राजनीति हो रहा है। सागर ने यहां तक कहा कि हमलोग इस कड़ी कार्रवाई और घेराव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि कश्मीरियों पर हमले के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के द्वारा जम्मू-कश्मीर में लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं, पुलिस और सेना ने कई अलगाववादी नेताओं को हिरासत में भी लिया है।
अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई
इधर, हमले के आठ दिन बाद घाटी में केन्द्र सरकार ने अलगवादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार रात से अब तक जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज समेत 24 अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लिया जा चुका है। जमात के सदस्यों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पहलगाम, दिआलगाम, त्राल सहित विभिन्न जगहों से हिरासत में लिया गया है। अधिकारी इसे नियमित कार्रवाई बता रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि अनुच्छेद 35 ए पर 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले यह कदम उठाया गया है, ताकि घाटी में माहौल खराब होने से रोका जा सके। इस कार्रवाई से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत से संबद्ध संगठन पर पहली बड़ी कार्रवाई है।
इधर, हमले के आठ दिन बाद घाटी में केन्द्र सरकार ने अलगवादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार रात से अब तक जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज समेत 24 अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लिया जा चुका है। जमात के सदस्यों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पहलगाम, दिआलगाम, त्राल सहित विभिन्न जगहों से हिरासत में लिया गया है। अधिकारी इसे नियमित कार्रवाई बता रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि अनुच्छेद 35 ए पर 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले यह कदम उठाया गया है, ताकि घाटी में माहौल खराब होने से रोका जा सके। इस कार्रवाई से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत से संबद्ध संगठन पर पहली बड़ी कार्रवाई है।