किस आधार पर लोको-पायलट को क्लीन चिट
दरअसल घटना के बाद के सिद्धू और उनकी पत्नी को लगातार अकाली दल की तरफ से निशाना बनाया जा रहा था। उधर.. रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने इस दुर्घटना पर कहा था कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई, सिन्हा के इसी बयान पर सिद्धू ने पूछा कि आपने कौन से आयोग का गठन किया था कि एक दिन में लोको-पायलट को क्लीन चिट दे दी।
सिद्धू ने उस चालक के काम को लेकर भी सवाल उठाया, उन्होंने पूछा क्या ये चालक स्थाई था या फिर एक या दो दिन के लिए ही काम पर था। यही नहीं उन्होंने कहा कि जब ट्रैक पर गाय के आ जाने से ही ट्रेन रोक दी जाती है ट्रैक पर बैठा पाया गया तो उसकी एफआईआर दर्ज की जाती है, ऐसे में ये ट्रेन बिना रुके लोगों को रौंदते हुए कैसे निकल गई। सिद्धू ने ट्रेन की गति को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा है कि इस ट्रेन की गति 100 से ज्यादा थी इसलिए ये सनसनाती हुई निकल गई।
आपको बता दें कि शुक्रवार को जोड़ा फायक पर रावण दहन के दौरान ट्रैक पर खड़े लोगों को एक ट्रेन रौंदती हुई चली गई थी, जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 70 से ज्यादा घायल हुए। रेलवे लाइन के पास कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में उठाए जा रहे सवालों पर सिद्धू ने दावा किया कि पटरियों के निकट एक परिसर की चारदीवारी के भीतर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पुलिस से अनुमति मांगी गई थी। यह हादसा कार्यक्रम स्थल पर चार दीवारी के भीतर नहीं हुआ है।