स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस और माताजी प्रभावती देवी थी। उनके पिता एक वकील थे और वे 14 बच्चों के परिवार में 9वीं संतान थे।
सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही देशभक्त प्रवृति के थे। कहा जाता है कि वो स्वामी विवेकानंद के विचारों से बेहद प्रभावित थे। बात 1916 की है, जब नेताजी ने जातिवादी टिप्पणी करने पर E.F.Otten नाम के एक ब्रिटिश प्रोफ़ेसर को पीट डाला था। इस घटना के बाद से ब्रिटिश सरकार उन्हें एक विद्रोही भारतीय की तरह देखने लगी।
नेताजी में हिंदुस्तान को आजाद देखने की ऐसी ललक थी कि उन्होंने ICS की नौकरी छोड़ दी थी और वो लंदन से भारत वापस लौट आए थे। इसके बाद उन्होंने स्वराज नाम से अख़बार निकाला था। नेताजी ने अपने राजनीतिक गुरु चित्तरंजन दास के न्यूज़पेपर forward को एडिट किया था और कलकत्ता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सी.ई.ओ. के रूप में भी काम किया।
नेताजी शुरुआत से ही कांग्रेस से जुड़े हुए थे। वे ऑल इंडिया युथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट भी रह चुके थे। लेकिन उनकी विचारधारा अन्य कांग्रेसियों से नहीं मिलती थी। वे ब्रिटिश राज के अन्तर्गत आजाद भारत नहीं चाहते थे। उन्हें देश के लिए पूर्ण आजादी चाहिए थी।
1941 में सुभाष चंद्र बोस, योजनाबद्ध तरीके से भागने में सफल हो गए और बर्लिन चले गए। फिर जापान में उन्होनें 40,000 सैनिकों के साथ आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना की।
माना जाता है कि प्लेन क्रैश में उनकी मृत्यु हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वो इस दुर्घटना में बुरी तरह जल गए थे और 18 अगस्त 1945 को उनकी मृत्यु हो गयी।