Manmohan Singh, Sonia Gandhi
नई दिल्ली। अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिस्टन मिशेल ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कभी नहीं मिला है। मिशेल ने कहा कि न तो कांग्रेस और न ही वर्तमान राजग सरकार ने ‘सौदे में दखल’ दिया। मिशेल ने यह भी कहा कि इस स्कैंडल के पीछे एयरोमैट्रिक्स के पूर्व बोर्ड सदस्य और दिल्ली के वकील गौतम खेतान का हाथ है। उसने कहा कि अगस्ता सौदे में उसने केवल एक व्यक्ति भारतीय वायुसेना
प्रमुख एस. पी. त्यागी से मुलाकात की थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए कहा है कि इटली की अदालत के निर्णय में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल और पूर्व वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी के साथ कई लोगों का नाम लिया गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मार्च 2013 में अगस्तावेस्टलैंड मामले में फिनमेक्केनिका, अगस्तावेस्टलैंड, आईडीएस इंफोटेक लिमिटेड (भारत) और एयरोमैट्रिक्स इंडिया कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
एयरोमैट्रिक्स बोर्ड के सदस्य खेतान और त्यागी से हाल के दिनों में सीबीआई ने पूछताछ की है। एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में मिशेल ने कहा, इस घोटाले के पीछे गौतम खेतान का दिमाग है। वहीं, पैसों का लेन-देन करता था। उसे सबकुछ पता है। उसने कहा कि इसमें अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जैसे नेताओं का नाम सामने आना ‘हास्यापदÓ है।
मिशेल ने कहा, मैं समझता हूं कि भारतीय नेताओं ने अपना काम किया। लेकिन यह कहना कि इसमें वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह या ए. के. एंटनी जैसे नेता शामिल है, हास्यापद है। कोई भी इस पर भरोसा नहीं करेगा। पूर्व वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी से मुलाकात पर मिशेल ने कहा, मैं त्यागी से संभवत: जिमखाना क्लब में मिला था। मैं त्यागी और अन्य लोगों से मिला था, लेकिन मैं उन्हें लेकर उत्साही नहीं था।
उसने कहा, मैं समझता हूं कि त्यागी को एक-दूसरे बिचौलिए हश्के को बचाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। मैं नहीं समझता कि इस सौदे में उनकी कोई बड़ी भूमिका थी। भाजपा के राज्यसभा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों पर मिशेल ने कहा, सुब्रह्मण्यम स्वामी को अगस्तावेस्टलैंड के बारे में गुमराह किया गया है। वह उन्हीं कागजातों की पुष्टि कर रहे हैं, जो कैग रपट में है। मिशेल ने कहा, कैग रपट काफी जल्दबाजी में तैयार की गई थी, क्योंकि इस सौदे को लेकर मामला गर्म था। वे (कैग) उड्डयन विशेषज्ञ नहीं हैं। नौकरशाहों ने बिना किसी विशेषज्ञता के यह रपट तैयार की है।