कागजात जमा करने की जरूरत नहीं एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आधार नंबर ( Aadhar Number ) के आधार पर किसी उद्यम को पंजीकृत किया जा सकता है। अन्य विवरण किसी भी कागज को अपलोड करने या जमा करने की आवश्यकता के बिना स्व-घोषणा के आधार पर दिए जा सकते हैं। इस तरह यह सही अर्थों में एक दस्तावेज रहित उपाय है। अधिसूचना में यह भी कहा गया कि अब एक लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम इकाइयों को उद्यम के नाम से जाना जाएगा। यह शब्द उपक्रम शब्द के अधिक करीब है। इसी तरह पंजीकरण प्रक्रिया को अब ‘उद्यम पंजीकरण’ कहा जाएगा। जैसा कि पहले घोषित किया गया था, ‘संयंत्र, मशीनरी अथवा उपकरण’ में निवेश और ‘कारोबार’ अब एमएसएमई के वर्गीकरण के लिये बुनियादी मानदंड हैं।
टर्नओवर की गणना अधिसूचना स्पष्ट करती है कि किसी भी उद्यम के कारोबार की गणना करते समय वस्तुओं या सेवाओं या दोनों के निर्यात को उनके टर्नओवर की गणना से बाहर रखा जायेगा, भले ही संबंधित उपक्रम सूक्ष्म हो या लघु हो या मध्यम। पंजीकरण की प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है। पोर्टल की जानकारी 1 जुलाई 2020 से पहले सार्वजनिक कर दी जाएगी।
ब्रोकरेज फर्मों की सुस्त रफ्तार बाजार में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव और डिलीवरी आधारित कारोबार में कमी का असर ब्रोकिंग फर्मों की आय पर पड़ा है। ऐसे में छोटी व मझोली कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020 में स्थिर से लेकर नकारात्मक बढ़त दर्ज की है। एक ब्रोकरेज फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उद्योग ब्रोकिंग प्रतिफल में गिरावट देख रहा है क्योंकि डिलीवरी आधारित कारोबार अभी भी काफी कम है। इसके साथ ही गहराती प्रतिस्पर्धा के बीच फर्मों को मिलने वाला ब्रोकरेज भी काफी कम रहा है। वित्त वर्ष 20 में वैश्विक व देसी मंदी के बीच बेंचमार्क सेंसेक्स 22 फीसदी से ज्यादा टूटा है। छूट वाले ब्रोकरेज से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने ब्रोकरेज शुल्क में कमी करने के लिए बाध्य किया है, लेकिन मौजूदा कंपनियां इसकी भरपाई एन्युटी जैसे मॉडलों के जरिए करने पर विचार कर रही हैं।