scriptनई कंपनियों के Online Registration के नियम बदले, एक जुलाई से होगा लागू | New Company Online Registration process will be changed from one july | Patrika News

नई कंपनियों के Online Registration के नियम बदले, एक जुलाई से होगा लागू

Published: Jun 28, 2020 01:35:02 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

नई कंपनियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ( Online Registration ) के नियम बदले
नए दिशानिर्देश एक जुलाई 2020 से लागू होंगे
अब कागजात ( Documents ) जमा करने की जरूरत नहीं

New Company Online Registration process will be changed from one july

नई कंपनियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नियम बदल गए।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ( Central Government ) ने कोरोना ( COVID-19 ) काल में कंपनियों के पंजीकरण ( Registration ) के लिए दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को अपलोड करने की जरूरत को खत्म कर स्व-घोषणा के आधार पर ऑनलाइन ( Online Registration ) पंजीकरण कराने के नए दिशानिर्देश शुक्रवार को जारी किए हैं। नए दिशानिर्देश एक जुलाई 2020 से लागू होंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह आयकर और माल एवं सेवा कर ( GST ) की प्रणालियों के साथ उद्यम पंजीकरण प्रक्रिया को जोडऩे से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि जो भी जानकारियां दी जाएंगी, उनका सत्यापन स्थायी खाता संख्या ( PAN Number ) और जीएसटी पहचान संख्या (जीएसटीआईएन) से किया जा सकता है।
कागजात जमा करने की जरूरत नहीं

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आधार नंबर ( Aadhar Number ) के आधार पर किसी उद्यम को पंजीकृत किया जा सकता है। अन्य विवरण किसी भी कागज को अपलोड करने या जमा करने की आवश्यकता के बिना स्व-घोषणा के आधार पर दिए जा सकते हैं। इस तरह यह सही अर्थों में एक दस्तावेज रहित उपाय है। अधिसूचना में यह भी कहा गया कि अब एक लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम इकाइयों को उद्यम के नाम से जाना जाएगा। यह शब्द उपक्रम शब्द के अधिक करीब है। इसी तरह पंजीकरण प्रक्रिया को अब ‘उद्यम पंजीकरण’ कहा जाएगा। जैसा कि पहले घोषित किया गया था, ‘संयंत्र, मशीनरी अथवा उपकरण’ में निवेश और ‘कारोबार’ अब एमएसएमई के वर्गीकरण के लिये बुनियादी मानदंड हैं।
टर्नओवर की गणना

अधिसूचना स्पष्ट करती है कि किसी भी उद्यम के कारोबार की गणना करते समय वस्तुओं या सेवाओं या दोनों के निर्यात को उनके टर्नओवर की गणना से बाहर रखा जायेगा, भले ही संबंधित उपक्रम सूक्ष्म हो या लघु हो या मध्यम। पंजीकरण की प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है। पोर्टल की जानकारी 1 जुलाई 2020 से पहले सार्वजनिक कर दी जाएगी।
ब्रोकरेज फर्मों की सुस्त रफ्तार

बाजार में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव और डिलीवरी आधारित कारोबार में कमी का असर ब्रोकिंग फर्मों की आय पर पड़ा है। ऐसे में छोटी व मझोली कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020 में स्थिर से लेकर नकारात्मक बढ़त दर्ज की है। एक ब्रोकरेज फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उद्योग ब्रोकिंग प्रतिफल में गिरावट देख रहा है क्योंकि डिलीवरी आधारित कारोबार अभी भी काफी कम है। इसके साथ ही गहराती प्रतिस्पर्धा के बीच फर्मों को मिलने वाला ब्रोकरेज भी काफी कम रहा है। वित्त वर्ष 20 में वैश्विक व देसी मंदी के बीच बेंचमार्क सेंसेक्स 22 फीसदी से ज्यादा टूटा है। छूट वाले ब्रोकरेज से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने ब्रोकरेज शुल्क में कमी करने के लिए बाध्य किया है, लेकिन मौजूदा कंपनियां इसकी भरपाई एन्युटी जैसे मॉडलों के जरिए करने पर विचार कर रही हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो