इससे पहले बुधवार को जब लोकसभा में विपक्षी सांसद वित्त मंत्री अरुण जेटली पर कागज के हवाई जहाज उड़ाए जा रहे थे तब जेटली तंज कसा था कि मुझे लगता है कि ये प्लेन यूरोफाइटर की याद में उड़ाए जा रहे हैं। बुधवार को राहुल गांधी के हमले का जवाब देते वक्त जेटली इस मामले की ओर ही इशारा कर रहे थे।
बता दें कि 2007 में जब भारत सरकार 126 मीडियम मल्टी रोल एयरक्राफ्ट खरीदने में जुटी थी उसी इस विमान के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई थी। तब फ्रांस के रफाल के सामने कुल पांच कंपनियां इस सौदे को हासिल करने को लेकर प्रतिस्पर्धा में थी। 2011 तक सिर्फ दो ही विमान आमने-सामने थे। इनमें एक दसॉल्ट रफाल और दूसरा यूरोफाइटर टाइफून। क्रिश्चियन मिशेल यूरोफाइटर टाइफून की डील कराना चाहता था और रफाल के विरोध में लॉबिंग में जुटा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच एजेंसियों को इटली के एक बिचौलिया के घर से जो सबूत मिले हैं उनमें किश्चयन मिशेल और गुइडो हस्चके के नाम का जिक्र है। ये दोनों बिचौलिए उस समय टाइफून के लिए लॉबिंग कर रहे थे। दस्तावेजों के मुताबिक मिशेल और उसके जोड़ीदार कह रह थे कि इस काम के लिए सिर्फ तीन कैंडिडेट हैं। इनमें से एक ही उपलब्ध है। इस डील के लिए नेताओं के अलावा एयरफोर्स के तीन प्रमुखों को भी मनाने की जरूरत है। इनमें चीफ ऑफ एयर कमांड, एयर ऑफिसर मेंटेनेंस और चीफ ऑफ इंजीनियरिंग शामिल थे।