राष्ट्रपति ने कहा, भारत को पर्यावरण से कोई समझौता किए बिना तथा उद्योगों के लिए पर्यावरण अनुकूल उपायों को अपनाने की जरूरत है
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को यहां 36वें अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि नया भारत तेजी से आकार ले रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा, अंतराष्ट्रीय व्यापार मेला नए भारत का एक विशाल आयोजन है, जो बहुत तेजी से आकार ले रहा है। यह एक गौरवशाली भविष्य, उत्कृष्टता की भावना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई पहलों मेक इन इंडिया एवं डिजिटल इंडिया के जरिए उपलब्धि एवं अभूतपूर्व निवेश अवसर की सोच को प्रदर्शित करता है। यह मेला आर्थिक सुधार के लाभों को समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से वंचित वर्गों के लोगों तक पहुंचाने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
राष्ट्रपति ने इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) को इस वर्ष की थीम डिजिटल इंडिया के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां ई-कॉमर्स, ई-इनेबल्ड एवं मोबाइल सेवाएं ई-शासन के बड़े घटक हैं और समय गुजरने के साथ जीडीपी विकास में उल्लेखनीय योगदान देंगे।
मुखर्जी ने कहा कि इसके साथ-साथ हमें एक ऐसे समाज की स्थापना के लिए, जो आत्मनिर्भर है और वर्तमान तथा भविष्य की पीढिय़ों की दिशा में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग है, अपने प्रचुर नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करने की भी आवश्यकता है।
मुखर्जी ने भारत और विदेशों के, विशेष रूप से ‘साझीदार देश-दक्षिण कोरिया’ तथा ‘फोकस देश-बेलारूस’ के सभी सहभागियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्ष आईआईटीएफ के ‘साझीदार राज्य’ मध्य प्रदेश एवं झारखंड तथा ‘फोकस राज्य’ हरियाणा मेले द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले अवसरों का पूरा लाभ उठाएंगे।
मुखर्जी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इस मेले के 36वें संस्करण के दौरान निवेशकों, विनिमार्ताओं एवं रिटेलर के बीच व्यवसाय और सामंजस्य को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है कि यह मेला डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया एवं स्वच्छ भारत अभियानों के प्रति एक बेहतर समझ और जागरूकता का भी सृजन करेगा। मुखर्जी ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के विकास और स्थिरता में यकीन रखता है।
मुखर्जी ने कहा कि भारत सुधारों की एक श्रखला के साथ तेजी से प्रगति कर रहा है, जिसमें वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करना आदि शामिल है। राष्ट्रपति ने कहा, इससे नौकरियों का सृजन होगा। यह दुनिया भर के सभी उद्योगों के लिए निवेश का अद्वितीय अवसर है। भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के विकास और स्थिरता में यकीन रखता है। यह शांति और समृद्धि लाने के लिए ढांचागत क्षमता निर्माण विकसित करने तथा विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए एक अवसर है।
उन्होंने कहा, भारत को पर्यावरण से कोई समझौता किए बिना तथा उद्योगों के लिए पर्यावरण अनुकूल उपायों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने सरकार की ई-गर्वनेंस की पहल का स्वागत किया। ‘डिजिटल इंडिया’ थीम पर आधारित इस मेले मेें 24 देशों की करीब 150 कंपनियां भाग ले रही है।