2015 में ही सुरेश प्रभु ने दे दी थी मंजूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे के कुछ सीनियर अधिकारियों ने बताया है कि पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने कार्यकाल के दौरान ही इस ब्रिज के नई तरीके से निर्माण के लिए 23 अप्रैल 2015 को मंजूरी दे दी थी और वित्त विभाग की तरफ से ब्रिज के निर्माण की कुल लागत को 22 अगस्त को ही तय कर लिया था और संजोग की बात है कि इसके टेंडर को 29 सितंबर को टेंडर अपलोड किया गया। आपको बता दें कि इसी दिन शाम को भगदड़ मची और इसमें 23 लोगों की जान चली गई। साथ ही 39 के करीब लोग घायल हो गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे के कुछ सीनियर अधिकारियों ने बताया है कि पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने कार्यकाल के दौरान ही इस ब्रिज के नई तरीके से निर्माण के लिए 23 अप्रैल 2015 को मंजूरी दे दी थी और वित्त विभाग की तरफ से ब्रिज के निर्माण की कुल लागत को 22 अगस्त को ही तय कर लिया था और संजोग की बात है कि इसके टेंडर को 29 सितंबर को टेंडर अपलोड किया गया। आपको बता दें कि इसी दिन शाम को भगदड़ मची और इसमें 23 लोगों की जान चली गई। साथ ही 39 के करीब लोग घायल हो गए।
‘टेंडर जारी वाले दिन हादसा सिर्फ एक संजोग है’
वहीं जब इस टेंडर के उसी दिन जारी होने को लेकर रेलवे के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने सिर्फ इसी एक संजोग बताया है कि जिस दिन टेंडर जारी किया गया, उसी दिन शाम को ये हादसा हो गया और इसमें बेकसूर लोग मारे गए। एक अखबार की खबर के मुताबिक, रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रवींद्र भाक्कर ने कहा कि टेंडर को बनाना, उसकी लागत देखना और उसको ऑनलाइन अपलोड करना एक प्रोसेस के तहत होता है। यह सिर्फ एक संयोग है कि टेंडर उसी दिन अपलोड हुआ जिस दिन यह हादसा हुआ। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
वहीं जब इस टेंडर के उसी दिन जारी होने को लेकर रेलवे के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने सिर्फ इसी एक संजोग बताया है कि जिस दिन टेंडर जारी किया गया, उसी दिन शाम को ये हादसा हो गया और इसमें बेकसूर लोग मारे गए। एक अखबार की खबर के मुताबिक, रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रवींद्र भाक्कर ने कहा कि टेंडर को बनाना, उसकी लागत देखना और उसको ऑनलाइन अपलोड करना एक प्रोसेस के तहत होता है। यह सिर्फ एक संयोग है कि टेंडर उसी दिन अपलोड हुआ जिस दिन यह हादसा हुआ। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण भी है।