एक दौर में एमजे अकबर के साथ काम कर चुकीं संडे गार्जियन की संपादक जोयिता बासू ने कोर्ट को बताया कि मीटू अभियान के तहत प्रिया रमानी के आरोप से एमजे अकबर की प्रतिष्ठा नष्ट हुई है। रमानी ने जानबूझकर अकबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए ट्वीट किया है। महिला संपादक ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने करीब 20 साल तक अकबर के साथ काम किया, लेकिन कभी उनके बारे में कुछ गलत सुनने को नहीं मिला। अकबर अपने काम के प्रति पूरी से पेशेवर हैं और एक शानदार शिक्षक हैं। उनके साथ काम करना किसी के लिए भी असहज नहीं हो सकता। बासू ने कोर्ट में यह भी कहा कि वह हमेशा अकबर को शानदार पत्रकार, विद्वान लेखक और प्रतिष्ठित व्यक्ति मानती हैं, लेकिन प्रिया रमानी के ट्वीट से आहत हैं और शर्मिंदा महसूस कर रही हैं। इस घटना के बाद से अब उनके साथी भी अक्सर पूछते हैं कि क्या अकबर ऐसी प्रवृति के व्यक्ति रहे हैं? लोग उनके चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं।
दरअसल, टि्वटर पर मी टू अभियान के तहत एमजे अकबर के साथ 20 साल पहले काम कर चुकी प्रिया रमानी ने यौन दुर्व्यहार का आरोप लगाया था। इसके बाद कई करीब 20 महिलाओं ने अकबर के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाए थे। जिस समय उन पर आरोप लगाए गए, वह नाईजीरिया के आधिकारिक दौरे पर थे। वहां से लौटने के बाद 17 अक्टूबर को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। इससे पहले पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ निजी तौर पर दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में 31 अक्टूबर को अपना बयान दर्ज कराया था।