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बिना हाथ के बच्चे के साथ हुआ ऐसा चमत्कार, मां ने कहा स्वयं भगवान कर रहे थे ऑपरेशन

locationनई दिल्लीPublished: Jan 30, 2018 02:26:26 pm

Submitted by:

Priya Singh

डॉक्टरों ने दस साल मासूम को नया जीवनदान दिया।

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नई दिल्ली। किसी ने खूब कहा है धरती पर अगर भगवान है तो डॉक्टरों के रूप में है। भगवान का दर्जा उन्हें इसलिए दिया गया है क्यूंकि वो मौत के मुंह में से किसी को भी निकालने में सक्षम हैं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने दस साल मासूम को नया जीवनदान दिया। करंट लगने के कारण दस साल के मासूम वीरेंद्र सिंह के हाथ काटने पड़े। उसके हाथों में एक उंगली तक नहीं बची थी। सफदरजंग के बर्न एंड प्लास्टिक डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने वीरेंद्र के पैरे से दो उंगलियां निकालकर उसके दाए हाथ में लगाकर एक नई उम्मीद दी है।
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इस दुर्धटना के बाद इस बच्चे ने अपनी उंगलियां खो दी थीं और इसी वजह से वीरेंद्र पेन भी नहीं पकड़ पता था, लेकिन अब अब डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे फिर से लिख पाएगा। नेपाल से ताल्लुक रखने वाला वीरेंद्र अपने परिवार के साथ दिल्ली के छतरपुर में रहता था। 2014 में वीरेंद्र को करंट लगने के कारण बुरी तरह जल गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान इंफेक्शन होने के कारण वीरेंद्र के दोनों हाथ काटने पडे थे। डॉक्टरों के अनुसार वीरेंद्र का बायां हाथ पूरी तरह से कट गया था। वहीं दाएं हाथ में सिर्फ अंगूठे की हड्डी बची थी। सफदरजंग के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर राकेश ने बताया कि इस सर्जरी में बड़ी चुनौती है।
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जहां से उंगली निकाली जा रही है, वहां से ब्लड वेसेल्स के साथ नर्व भी निकालना पड़ता है। इन्हें नई जगह पर ट्रांसप्लांट किया जाता है। नर्व को निकालना और फिर जोड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। यहां के डॉक्टरों ने बता कि ऐसी सर्जरी अस्पताल में पहली बार की गई है। सफदरजंग अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश केन बताते हैं कि वीरेंद्र के बाएं पैर से अंगूठा और दो उंगलियां निकालकर दाएं हाथ में लगा दी गई थी। बेहद मुश्किल इस सर्जरी में करीब दस घंटे लगे।
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