क्यों इस बार दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ने की है संभावना? मौसम विभाग ने बताए इसके प्रमुख कारण नोटिस के माध्यम से एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), दिल्ली पुलिस आयुक्त और हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान की सरकारों से जवाब मांगा है।
सर्दियों के मौसम से पहले वायु प्रदूषण से चारों राज्य बुरी तरह प्रभावित होते हैं। तापमान में गिरावट, सड़क पर वाहनों की उच्च संख्या, उद्योगों और पराली में आग से स्थिति बढ़ जाती है। केंद्र ने पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण नियंत्रण तंत्र लागू कर दिया है।
दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों पर गृह मंत्रालय की मीटिंग में पता चला बड़ा कारण वायु गुणवत्ता असंतोषजनक होने से कोविड-19 के फैलने की संभावना के बीच याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों के इस्तेमाल से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बयानों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान वायु प्रदूषण के कारण कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ जाएगा।
याचिका में दावा किया गया, “बढ़ता प्रदूषण कमजोर समूहों को प्रभावित कर सकता है और मृत्यु दर में वृद्धि कर सकता है। दिल्ली में कोविड-19 मामले प्रति दिन 15,000 तक जा सकते हैं, जबकि मौजूदा मामलों करीब 5,000 प्रति दिन हैं।” याचिका में यह भी कहा गया है कि ग्रीन क्रैकर्स का इस्तेमाल इसे रोकने का कोई उपाय नहीं है।
दिल्ली में आ सकती है कोरोना वायरस की तीसरी लहर, सरकार ने अपनाने शुरू कर दिए बड़े उपाय पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में रोजाना कोविड-19 के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इस बात की संभावना है कि राष्ट्रीय राजधानी कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की एक नई लहर का सामना कर सकती है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी भर में 800 से अधिक खुले स्थानों की एक सूची प्रकाशित की, जहां लोगों को दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे के बीच “हरे” पटाखे जलाने की अनुमति दी जाएगी।