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…तो क्या बंद हो जाएगा दिल्ली एनसीआर में मेंट्रो ट्रेन का संचालन !

locationनई दिल्लीPublished: Oct 26, 2017 08:04:24 pm

Submitted by:

Mohit sharma

एनजीटी ने कहा कि आप डीएमआरसी हैं इसका मतलब ये नहीं है कि आपको ये लाईसेंस है कि आप बिना अनुमति के भूजल का दोहन करेंगे ।

delhi Metro

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) ने दिल्ली मेट्रो को रोक देने की चेतावनी दी है । दिल्ली मेट्रो रेल द्वारा बिना अनुमति के भूजल का दोहन करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रायल, केंद्रीय भूजल अथॉरिटी, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन और दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया कि वे संयुक्त रुप से ये पता लगाएं कि कितने मेट्रो स्टेशनों पर भूजल का बिना अनुमति के दोहन होता है ।

डीएमआरसी को लगाई फटकार

एनजीटी ने कहा कि आप डीएमआरसी हैं इसका मतलब ये नहीं है कि आपको ये लाईसेंस है कि आप बिना अनुमति के भूजल का दोहन करेंगे । आप सब मिलकर इसका समाधान निकालें नहीं तो हम मेट्रो ट्रेन रोक देंगे । मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगा । आपको बता दें कि याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली जल बोर्ड ने एनजीटी को बताया था कि डीएमआरसी ने बिना अनुमति के पूरी दिल्ली में 276 बोरवेल लगाए हैं जिनसे भूजल का दोहन होता है । इस पानी ये ट्रेन धोते हैं । इससे दिल्ली का जलस्तर काफी नीचे हो गया है । एनजीटी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के बोरवेल लगाता है तो उसे सील कर दिया जाता है और उससे जुर्माना वसूला जाता है ।

प्लाटिक पर बैन के आदेश

उधर, एनजीटी ने ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वो प्लाटिक पर बैन के उसके पहले के आदेश को कड़ाई से लागू करे और उसे उल्लंघन करनेवालोंसे पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूले । एनजीटी ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वोदुकानों और वेंडरों के यहां छापे मारें और आदेश का उल्लंघन करनेवालों को पकड़ें । एनजीटी नेदिल्ली सरकार से इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया । आपको बता दें कि एनजीटी ने पिछले 10 अगस्त को दिल्ली में पचास माइक्रोन से कम न नष्ट होने वाले प्लास्टिक पर बैन लगा दिया था। एनजीटी ने 50 माइक्रोन से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया था। एनजीटी ने दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को निर्देश दिया था कि वे वरिष्ठतम अधिकारी के जरिये एक हलफनामा दायर करें कि कचरे का निस्तारण कैसे हो रहा है खासकर प्लास्टिक के कचरे का । आपको बता दें कि एनजीटी ने पिछले साल आदेश दिया था कि दिल्ली और एनसीआर में एक जनवरी 2017 से डिस्पोजेबल प्लास्टिस पर बैन लगा दिया जाए ।

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