नया फीचर फास्टैग इस्तेमाल कर्ता और टोल ऑपरेटर दोनों के लिए मददगार साबित होगा। इसके जरिए रियल टाइम बेसिस पर बैलेंस चेक कर सकते हैं। साथ ही इससे फास्टैग बैलेंस से जुड़ी दूसरी समस्याओं को भी सुलझाया जा सकेगा। इसे इस्तेमाल करने के लिए वाहन का नंबर डालना होगा। वैसे ही आपको बैलेंस पता चल जाएगा। अगर किसी कारण टोल प्लाजा सर्वर (Toll Plaza Server) पर टैग अपडेट नहीं होता है तब भी लोग अपने वाहन के फास्टैग का स्टेटस आसानी से पता लगा सकेंगे।
घटाई रिफ्रेश टाइम सीमा
कई बार टैग के ब्लैकलिस्ट हो जाने पर इसे रिफ्रेश होने में 10 मिनट का वक्त लगता था। मगर एनएचएआई ने अब इसकी समय सीमा कम कर दी है। अब ब्लैकलिस्टेड टैग के रिफ्रेश टाइम को 10 मिनट से घटाकर 3 मिनट करने का फैसला किया गया है। इससे ईटीसी सिस्टम में स्टेटस आसानी से अपडेट हो सकेगा। साथ ही टोल से पास करने पर ऐप में करंट स्टेटस दिख सकेगा।
कई बार टैग के ब्लैकलिस्ट हो जाने पर इसे रिफ्रेश होने में 10 मिनट का वक्त लगता था। मगर एनएचएआई ने अब इसकी समय सीमा कम कर दी है। अब ब्लैकलिस्टेड टैग के रिफ्रेश टाइम को 10 मिनट से घटाकर 3 मिनट करने का फैसला किया गया है। इससे ईटीसी सिस्टम में स्टेटस आसानी से अपडेट हो सकेगा। साथ ही टोल से पास करने पर ऐप में करंट स्टेटस दिख सकेगा।
PoS के जरिए रिचार्ज की सुविधा
अगर किसी वाहन के फास्टैग में कम बैलेंस है तो उपयोगकर्ता टोल प्लाजा के पॉइंट ऑफ सेल यानी पीओएस से तुरंत रिर्चाज करा सकता है। इसके लिए एनएचएआई की ओर से करीब 26 बैंकों से साझेदारी की गई है। इसके अलावा टोल प्लाजा पर 40 हज़ार से अधिक पीओएस की व्यवस्था की गई है।
अगर किसी वाहन के फास्टैग में कम बैलेंस है तो उपयोगकर्ता टोल प्लाजा के पॉइंट ऑफ सेल यानी पीओएस से तुरंत रिर्चाज करा सकता है। इसके लिए एनएचएआई की ओर से करीब 26 बैंकों से साझेदारी की गई है। इसके अलावा टोल प्लाजा पर 40 हज़ार से अधिक पीओएस की व्यवस्था की गई है।