पाकिस्तान का सीधा हाथ होने के संकेत एनआईए के एक जांच अधिकारी ने बताया कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जांच एजेंसी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के चार या पांच आतंकियों द्वारा विस्तृत अभियान चलाए जाने के सबूत मिले हैं। इसमें आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और स्थानीय हैंडलर भी शामिल है।
गाड़ी के मालिक की हुई पहचान वहीं, इस घटना से जुड़े लोगों का कहना है कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए हमले में इस्तेमाल की गई मारुती गाड़ी के मालिक की पहचान हो गई है। यह वाहन कश्मीर में लगभग आठ साल पहले पंजीकृत हुआ था। मालिक को इस बात की जानकारी थी कि उसके वाहन का इस्तेमाल आतंकी समूह कर रहे हैं। इधर, इस घटना के बाद से गाड़ी का मालिक गायब चल रहा है। फिलहाल, जांच एजेंसी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमले के पीछे मौजूद जेईएम को आरडीएक्स खरीदने में सफलता कैसे मिली। जांचकर्ताओं का मानना है कि विस्फोटक सीमापार से आए हैं। एक जांचकर्ता ने कहा कि हमारे पास वाहन की पूरी जानकारी है। जिसे कम से कम एक दो बार एक ही समूह के साथ देखा गया था। एनआईए को पता चला है कि डार पिछले साल मार्च में गायब होने के बाद से ही जेईएम की यूनिट में सक्रिय था।
गौरतलब है कि हमलावर के वाहन में मौजूद कंटेनर में 25 किलो आरडीएक्स भरा हुआ था। इस हमले में चालीस जवान शहीद हो गए थे।