scriptनिर्भया केस में डेथ वारंट जारी करने वाले जज का सुप्रीम कोर्ट में तबादला | Nirbhaya Case: Death warrant issuing Patiala House Court Judge Satish Arora transferred to SC | Patrika News

निर्भया केस में डेथ वारंट जारी करने वाले जज का सुप्रीम कोर्ट में तबादला

locationनई दिल्लीPublished: Jan 24, 2020 07:24:09 am

निर्भया केस में चारों दोषियों का जारी किया था डेथ वारंट।
एक साल तक के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती।
पूरे देश को है दोषियों की फांसी की सजा का इंतजार।

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

नई दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस (Nirbhaya Case) में इस माह चारों दोषियों को फांसी की सजा का डेथ वारंट जारी करने वाले जज का तबादला सुप्रीम कोर्ट में कर दिया गया है। उन्होंने जनवरी में दो बार चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया।
निर्भया केस में आया नया मोड़, तिहाड़ जेल ने उठा लिया बड़ा कदम और चारों को एक साथ कर दिया

ताजा जानकारी के मुताबिक दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Delhi Patiala House Court) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने 2012 दिल्ली गैंगरेप मामले के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय का 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया था। उन्होंने इन चारों को 22 जनवरी को फांसी देने (Nirbhaya Case convicts execution date) की तारीख मुकर्रर की थी।
https://twitter.com/ANI/status/1220259213072429056?ref_src=twsrc%5Etfw
अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज सतीश कुमार अरोड़ा (Additional Sessions Judge Satish Kumar Arora) का तबादला सुप्रीम कोर्ट में कर दिया गया है। अरोड़ा की सुप्रीम कोर्ट में एक साल तक के लिए अतिरिक्त रजिस्ट्रार पद पर प्रतिनियुक्ति की गई है।
निर्भया गैंगरेप केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले अरोड़ा ने तमाम कानूनी अड़चनों के बीच वो फैसला सुनाया, जिसका देशभर को इंतजार था। इस दौरान दोषियों के वकीलों ने तमाम दलीलें देकर मृत्युदंड को कम करने की कोशिश भी की, लेकिन वो नाकाफी साबित हुई।
फिर टल जाएगी निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी! वकील ने किया इसकी वजह का खुलासा

हालांकि बीते 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा सुनाए गए इस फैसले के आधार पर दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकी। तमाम कानूनी दाव-पेच का इस्तेमाल करते हुए इस तारीख को आगे बढ़ाना पड़ा। बीती 18 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों द्वारा सभी प्रयास पूरे किए जाने के बाद फिर से एक नया डेथ वारंट जारी करते हुए 1 फरवरी को फांसी की सजा देने का आदेश सुना दिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो